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Atique Ahmed: पलटने से बची माफिया अतीक अहमद की वैन, कांप उठा बाहुबली

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे पर विधानसभा में कहा था कि वह इस माफिया को ‘मिट्टी में मिला देंगे.’ इस मामले में बीते 27 फरवरी और छह मार्च को पुलिस के साथ हुई अलग-अलग मुठभेड़ों में दो आरोपी मारे गये हैं. 

Atique Ahmed

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Atique Ahmed: माफिया अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज ले जा रही पुलिस की एक टीम सोमवार को यूपी की सीमा में दाखिल हो गई है. मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश बॉर्डर के पास अचानक काफिला थोड़ी देर के लिए रुक गया. शिवपुरी से झांसी के बीच अतीक के वज्र वाहन से अचानक एक गाय टकरा गई. इसके बाद ड्राइवर ने फौरन ब्रेक लगा दिया. गनीमत रही कि वैन पलटी नहीं. हालांकि इस दौरान अतीक अहमद कांप उठा.

जिसके बाद अतीक अहमद का काफिला, मीडिया की टीम, उनकी बहन और वकीलों के साथ झांसी पुलिस लाइन में करीब एक घंटे तक रुका. उनके बाद फिर पुलिस टीम माफिया को लेकर प्रयागराज के लिए रवाना हो गई. उमेश पाल हत्याकांड में नामज़द आरोपी अतीक अहमद को उमेश पाल के ही अपहरण के एक मामले में प्रयागराज की एक अदालत में पेश करने के लिए लाया जा रहा है.

बरेली जेल में बंद उसके भाई खालिद अजीम उर्फ ​​अशरफ को भी पुलिस की एक अलग टीम प्रयागराज ले जा रही है. बरेली में जेल अधिकारियों ने कहा कि वह पूर्वाह्न करीब 10 बजे जेल से निकला. अहमद के परिजनों ने आशंका व्यक्त की थी कि साबरमती जेल से प्रयागराज जाते वक्त रास्ते में उसकी हत्या की जा सकती है. जब रास्ते में अहमद से पूछा गया कि क्या उसे डर लग रहा है, तो उसने कहा, “काहे का डर.” अहमद ने रविवार को कहा था, “मुझे इनका कार्यक्रम मालूम है…मुझे मारना चाहते हैं.”

पुलिस टीम आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद रविवार शाम करीब छह बजे कड़ी सुरक्षा के बीच साबरमती जेल परिसर से अहमद को लेकर रवाना हुई. अहमद का काफिला आज सुबह अलग-अलग राज्यों से होते हुए उत्तर प्रदेश में दाखिल हुआ और झांसी पुलिस लाइन में रुका. अधिकारियों ने बताया कि यह काफिला जालौन की ओर बढ़ेगा और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से गुजरते हुए आज शाम तक प्रयागराज पहुंचेगा.

फूलपुर से समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद अहमद को जून 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा साबरमती केंद्रीय जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था. उस वक्त उस पर उत्तर प्रदेश की जेल में रहने के दौरान एक रियल एस्टेट व्यवसायी मोहित जायसवाल के अपहरण और हमले का आरोप लगा था. पुलिस ने कहा कि अहमद उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामलों में नामज़द है.

बता दें कि साल 2005 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के तत्कालीन विधायक राजू पाल की हत्या के प्रमुख गवाह उमेश पाल और उनके दो सुरक्षा गार्ड की गत 24 फरवरी को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में अतीक अहमद को मुख्य अभियुक्त बनाया गया है.

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‘मिट्टी में मिला देंगे’- विधानसभा में बोले थे सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे पर विधानसभा में कहा था कि वह इस माफिया को ‘मिट्टी में मिला देंगे.’ इस मामले में बीते 27 फरवरी और छह मार्च को पुलिस के साथ हुई अलग-अलग मुठभेड़ों में दो आरोपी मारे गये हैं. अतीक अहमद ने एक मार्च को सुप्रीम में अपील दाखिल करते हुए आदित्यनाथ के बयान का हवाला दिया और कहा कि उसे तथा उसके परिवार के सदस्यों की जिंदगी को खतरा है. उसने कहा था कि प्रदेश पुलिस हर तरह से उसकी ‘ट्रांसिट रिमांड’ मांगेगी और अहमदाबाद से प्रयागराज ले जाते वक्त उसकी हत्या कर दी जाएगी. कोर्ट ने मामले को 17 मार्च को त्वरित सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था, लेकिन अहमद के वकील द्वारा कुछ अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने के लिए समय मांगे जाने के बाद सुनवाई स्थगित कर दी गई थी.

इस बीच, कन्नौज से भाजपा के सांसद सुब्रत पाठक ने कहा था कि गैंगस्टर विकास दुबे की तरह माफिया अतीक अहमद की गाड़ी रास्ते में पलट जाए तो उन्हें हैरानी नहीं होगी.

कानपुर के बिकरू गांव में जुलाई 2020 में घात लगाकर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले के आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे नौ जुलाई 2020 को उत्तर प्रदेश पुलिस की विशेष कार्य बल (एसटीएफ) द्वारा मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश लाए जाते वक्त रास्ते में हुई मुठभेड़ में मारा गया था. एसटीएफ का दावा है कि रास्ते में दुबे की गाड़ी पलट गई थी और इसका फायदा उठाकर उसने भागने की कोशिश की थी.

-भारत एक्सप्रेस



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