रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 19 दिसंबर को अपनी वार्षिक प्रेस वार्ता में देश के आर्थिक प्रदर्शन, विदेश नीति और यूक्रेन में चल रहे सैन्य अभियानों जैसे प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने रूस की स्थिरता और संप्रभुता पर जोर देते हुए इसे एक स्वतंत्र शक्ति बताया.
पुतिन ने कहा कि रूस की अर्थव्यवस्था लगभग 4% की वृद्धि दर हासिल करने की ओर है, जबकि दुनिया भर में महंगाई और चुनौतियां बनी हुई हैं. उन्होंने बताया कि क्रय शक्ति समानता (Purchasing Power Parity) में रूस जर्मनी और जापान से आगे है, जबकि चीन, अमेरिका और भारत पहले स्थानों पर हैं.
संप्रभुता और स्वतंत्रता पर बयान
पुतिन ने रूस की मजबूती और स्वतंत्रता पर जोर देते हुए कहा, “हमने खाई के किनारे से वापसी की है. मैंने यह सुनिश्चित किया है कि रूस एक स्वतंत्र और संप्रभु शक्ति है, जो अपने हित में निर्णय ले सकती है.”
यूक्रेन संकट पर पुतिन ने कहा कि रूस हमेशा बातचीत और समझौतों के लिए तैयार रहा है. “हमने हमेशा कहा है कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं. लेकिन दूसरी तरफ से भी तैयार होना जरूरी है.” उन्होंने यह भी कहा कि रूस स्थायी शांति चाहता है, न कि एक अस्थायी युद्धविराम.
रूस की नई हाइपरसोनिक मिसाइल “ओरेशनिक” पर बात करते हुए पुतिन ने कहा कि इन मिसाइलों को रोकना असंभव है. अगर पश्चिमी विशेषज्ञ प्रस्ताव करें तो हम तकनीकी परीक्षण के लिए तैयार हैं.
भारत संग रिश्तों पर क्या कहा?
पुतिन ने पीएम मोदी के साथ अपने मजबूत संबंधों का जिक्र करते हुए कहा, “मेरे प्रधानमंत्री मोदी के साथ अच्छे रिश्ते हैं. मेरे कई दोस्त एशिया में हैं, जिनमें भारत और चीन शामिल हैं.”
पुतिन ने BRICS की भूमिका पर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान का जिक्र किया. “भारत और जयशंकर ने सही कहा कि BRICS पश्चिम-विरोधी नहीं है, यह बस पश्चिमी नहीं है.”
-भारत एक्सप्रेस
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