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BBC Documentary Row: बिजली गुल, इंटरनेट बंद और पथराव… बीबीसी की बैन डॉक्यूमेंट्री पर JNU में जमकर हुआ बवाल

BBC Documentary on Modi: विश्वविद्यालय ने कहा था कि डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के लिए जेएनयू प्रशासन से कोई पूर्व अनुमति नहीं ली गई थी.

BBC Documentary Row

BBC Documentary Row: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) एक बार फिर सुर्खियों में है. कैंपस में बीबीसी की बैन डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर लेफ्ट के छात्र अड़े हुए थे. इसी को लेकर मंगलवार को कैंपस में जमकर बवाल हुआ. लेफ्ट के छात्रों का दावा है कि बैन बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के दौरान पथराव किया गया. हालांकि, पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) मनोज सी. ने पथराव की खबरों का खंडन किया.

घटना के बारे में पूछे जाने पर डीसीपी ने कहा कि मैं फिर से दोहराता हूं कि अब तक ऐसी किसी घटना की सूचना नहीं मिली है. डीसीपी ने कहा, “अगर हमें जेएनयू के किसी भी वर्ग से शिकायत मिलती है, तो उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी.”

वहीं JNUSU अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि हमने 25 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज़ करवाई है, पुलिस ने आश्वासन दिया है कि वे तहकीकात करेंगे. जिन लोगों को चोट लगी है वे भी इलाज के बाद कल पुलिस स्टेशन में अपना बयान देंगे. जेएनयू प्रशासन से भी हम शिकायत करेंगे.

विश्वविद्यालय प्रशासन ने नहीं दी थी अनुमति

इस बीच, जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) के कार्यालय में इंटरनेट सेवा और बिजली कनेक्शन मंगलवार को बंद कर दिया गया. जेएनयू प्रशासन ने छात्रों से डॉक्यूमेंट्री – ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ की स्क्रीनिंग रद्द करने के लिए कहा था. लेकिन JNUSU ने अपनी तरफ से इस डॉक्यूमेंट्री को दिखाने का ऐलान किया था. इसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कड़ी चेतावनी देते हुए छात्रों से कहा था कि यदि कैंपस में कोई भी डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण किया जाता है तो विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जा सकती है.

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जेएनयूएसयू के बैनर तले छात्रों के एक वर्ग ने मंगलवार को रात 9 बजे डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के लिए पर्चे बांटे थे. वहीं जेएनयू प्रशासन का कहना था कि परिसर में इस तरह की अनाधिकृत गतिविधियां विश्वविद्यालय में शांति और सद्भाव को भंग कर सकती हैं.

डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रोकने के निर्देशों का एबीवीपी ने किया समर्थन

विश्वविद्यालय ने पहले कहा था कि डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के लिए जेएनयू प्रशासन से कोई पूर्व अनुमति नहीं ली गई थी. इस बीच, एबीवीपी की जेएनयू इकाई के अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा कि छात्रों का संगठन डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रोकने के निर्देशों का स्वागत करता है. उन्होंने कहा, “बीबीसी फर्जी एजेंडे के साथ डॉक्यूमेंट्री बनाकर भारत की छवि खराब करने का काम कर रहा है.” बता दें कि केंद्र सरकार ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को प्रधानमंत्री और देश के खिलाफ दुष्प्रचार करार दिया था.

-भारत एक्सप्रेस



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