
पीएम मोदी.
रामपाल कश्यप 14 साल तक हरियाणा की धरती पर नंगे पांव घूमते रहे और एक ही कसम खाते रहे कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) से मिलने के बाद ही जूते पहनेंगे. 11 अप्रैल को वह पल आया, जब खुद प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें जूते भेंट किए.
PM Modi ने भेंट किए जूते
पीएम मोदी ने कश्यप को एक जोड़ी नया जूता उपहार में दिया, जो 14 साल में पहली बार था, जब प्रधानमंत्री (PM Modi) के समर्थक ने जूते पहने थे. इससे पहले मार्च में सूरत की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने अपने एक प्रशंसक द्वारा बनाई गई पेंटिंग पर हस्ताक्षर किए थे. इस कलाकृति में प्रधानमंत्री मोदी को उनकी दिवंगत मां हीराबेन मोदी के साथ दिखाया गया था. इस पल से अभिभूत उस व्यक्ति की आंखें भर आईं जब प्रधानमंत्री ने उस कलाकृति पर हस्ताक्षर करके उसके भाव को पहचाना.
PM Modi is not just a leader but an emotion for many.
Feel the heartfelt gesture of a man in this video as he receives a signature from the PM himself.🔽 pic.twitter.com/UTmfrJrKs7
— BJP (@BJP4India) March 7, 2025
लोगों के बीच जाकर बैठे पीएम मोदी
अप्रैल की शुरुआत में मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी में नवकार महामंत्र दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन किया और उसमें भाग लिया. जिस बात ने सभी का ध्यान खींचा, वह यह थी कि प्रधानमंत्री (PM Modi) श्रद्धा के प्रतीक के रूप में बिना जूते पहने कार्यक्रम स्थल से गुजरे. उन्होंने मंच से भी दूरी बनाकर लोगों के बीच बैठना पसंद किया.
छोटी बच्ची को पीएम ने भेंट किया शॉल
इसी तरह, जनवरी 2024 में केंद्रीय राज्य मंत्री एल मुरुगन के आवास पर पोंगल समारोह के दौरान, पीएम मोदी ने एक छोटी बच्ची को शॉल भेंट करके एक मार्मिक भाव प्रदर्शित किया, जिसने मनमोहक प्रस्तुति दी थी. युवा गायिका ने अपनी प्रतिभा से सभी को प्रभावित किया और सम्मानपूर्वक प्रधानमंत्री के पैर छुए, जिसके बाद उन्होंने भी भावपूर्ण उपहार देकर उनका स्वागत किया.
Impressed by the performance, PM Modi presented his shawl to young girl who participated in Pongal celebrations, in Delhi. pic.twitter.com/C0It55kmMx
— BJP (@BJP4India) January 14, 2024
PM Modi का दिव्यांगों के लिए दिखा मार्मिक भाव
फिर, मई 2024 में, जब भारत में लोकसभा चुनावों के कारण राजनीतिक तापमान चरम पर था, तब प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने दिव्यांग महिलाओं के लिए अपने विशेष इशारे से तेलंगाना में लोगों का दिल जीत लिया. कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी का ध्यान दिव्यांग महिलाओं के एक समूह ने खींचा. अपना भाषण शुरू करने से पहले, उन्होंने भीड़ से उनके लिए जगह बनाने का अनुरोध किया और आयोजकों से उन्हें आगे लाने का आग्रह किया, जो समावेश और सहानुभूति का एक मार्मिक क्षण था.
PM Modi's sweet gesture towards Divyang women in #Hyderabad goes viral
In the video, the PM is seen requesting the audience to give space to the women attending BJP rally pic.twitter.com/SmNPWntRWl
— Organiser Weekly (@eOrganiser) May 10, 2024
सफाई कर्मचारियों से की मुलाकात
नवंबर 2023 में सेवा पखवाड़ा पहल के दौरान एक और यादगार पल आया, जब पीएम मोदी ने सफाई कर्मचारियों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की और उनके समर्पण के सम्मान में उन्हें शॉल भेंट की. उन्होंने सम्मान के प्रतीक के रूप में उनके पैर भी धोए, जो 2019 में कुंभ मेले से उनके पिछले इशारे को दोहराता है. इसी तरह, पिछले साल जनवरी में अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद, पीएम मोदी (PM Modi) ने मंदिर के निर्माण दल का हिस्सा रहे श्रमिकों पर फूलों की पंखुड़ियाँ बरसाईं.
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi showers flower petals on the workers who were a part of the construction crew at Ram Temple in Ayodhya, Uttar Pradesh. pic.twitter.com/gJp4KSnNp6
— ANI (@ANI) January 22, 2024
2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान, पीएम मोदी ने कई फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं और कोविड शहीदों के परिवारों को व्यक्तिगत रूप से पत्र लिखकर उनके बलिदान को स्वीकार किया और आभार व्यक्त किया. इन पत्रों के कई प्राप्तकर्ताओं ने साझा किया कि राष्ट्रीय शोक के समय प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत पहुँच से वे कितने प्रभावित हुए.
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प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) अपने सार्वजनिक जीवन में लगातार व्यक्तिगत स्पर्श का प्रदर्शन करते हैं, जो राजनीतिक कर्तव्यों से परे है. एक समर्थक की दशक भर पुरानी प्रतिज्ञा को पूरा करने और कलाकारों के काम को स्वीकार करने से लेकर धार्मिक आयोजनों के दौरान श्रद्धा दिखाने और सफाई कर्मचारियों को सम्मान के भाव से सम्मानित करने तक, ये क्षण सुलभता और सहानुभूति की तस्वीर पेश करते हैं. महामारी के दौरान विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों, युवा कलाकारों और यहां तक कि अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के साथ उनकी बातचीत, आम नागरिकों से सीधे जुड़ने के उनके आवर्ती प्रयास को उजागर करती है.
सेवा, सम्मान और सामान्य नागरिकों की व्यक्तिगत मान्यता पर जोर देने वाले ये विविध इशारे, केवल एक ‘प्रधानमंत्री’ के बजाय ‘प्रधान सेवक’ के रूप में उनकी अक्सर बताई गई पहचान के साथ शक्तिशाली रूप से प्रतिध्वनित होते हैं, तथा लोगों की सेवा पर आधारित नेतृत्व की छवि को सुदृढ़ करते हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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