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ILBS के Hepatitis-B जागरूकता कार्यक्रम में शामिल हुए भारत एक्सप्रेस के सीएमडी उपेंद्र राय, मां से जुड़ा भावुक अनुभव सुनाया

भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के सीएमडी उपेंद्र राय हेपेटाइटिस-बी को लेकर एक जागरूकता कार्यक्रम में शामिल हुए. यह कार्यक्रम द इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेस की ओर से आयोजित किया गया था.

हेपेटाइटिस बी को लेकर हुए जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते भारत एक्सप्रेस के सीएमडी उपेंद्र राय.

द इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेस (ILBS) में बुधवार (4 दिसंबर) को एक संक्रामक बीमारी हेपेटाइटिस-बी को लेकर जागरूकता अभियान कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के चेयरमैन, सीएमडी और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय शामिल हुए. कार्यक्रम की शुरुआत ILBS के डायरेक्टर डॉ. एसके सरीन के संबोधन के साथ हुई. इस दौरान डॉ. दिलीप कुमार, फिल्म निर्माता बोनी कपूर, डॉ. वंदना बग्गा भी मौजूद रहे. भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क इस कार्यक्रम का मीडिया पार्टनर है.

पेशेंट से भेदभाव न करें


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ILBS के डायरेक्टर डॉ. एसके सरीन ने कहा कि हेपेटाइटिस-बी एक जानलेवा बीमारी है. इसलिए हेपेटाइटिस-बी के बारे में जागरूक रहना बहुत जरूरी है. उन्होंने बताया कि भारत में लगभग 3 करोड़ लोग इसके शिकार हैं और सिर्फ 13 प्रतिशत लोगों को ही पता है कि उन्हें हेपेटाइटिस बी है और आज की तारीख में सिर्फ 3 प्रतिशत को ही इसका इलाज मिल पाता है. एक साल में हेपेटाइटिस बी से मरने वाले लोगों की संख्या टीबी और मलेरिया से मरने वाले लोगों से अधिक होती है. और यह लगातार बढ़ भी रहा है. उन्होंने कहा कि हेपेटाइटिस से पीड़ित व्यक्ति घर जाएगा तो वाइफ और नौकरी पर जाएगा तो बॉस उन्हें अलग रहने को कहेगा. प्लीज उन्हें अलग न रखें, इसमें उनकी कोई गलती है. उनको ये अनुवांशिक तौर पर मिला. हमें उनके साथ भेदभाव नहीं करना है और दिल्ली के सारे अस्पतालों में इस​के लिए दवाइयां ​फ्री हैं.

संक्रामक बीमारी हेपेटाइटिस बी को लेकर हुए जागरूकता कार्यक्रम में फिल्म निर्माता बोनी कपूर, भारत एक्सप्रेस के सीएमडी उपेंद्र राय और ILBS के डायरेक्टर डॉ. एसके सरीन.

लोगों को दिलाई गई शपथ

इस दौरान डॉ. सरीन ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को शपथ दिलाई, जिसमें सभी से कहा गया कि हेपेटाइटिस-बी के बारे में लोगों को जागरूक करेंगे, हेपेटाइटिस-बी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों में सहयोग करेंगे. हेपेटाइटिस-बी की बीमारी के साथ जीने वाले लोगों से किसी भी तरह का कोई भेदभाव नहीं करेंगे. अपने लिवर को स्वस्थ रखने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देंगे.

सहारा ग्रुप से बोनी कपूर का जुड़ाव

डॉ. सरीन के बाद सीएमडी उपेंद्र राय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘मुझे बोनी कपूर जी के बारे में बोलने के लिए बुलाया गया है. बोनी साहब से मेरे परिचय को करीब-करीब 18 साल होने को है. शुरू से ही आप सहारा चेयरमैन (दिवंगत सुब्रत राय) के बहुत करीब रहे. कुछ वक्त तक आपने सहारा चेयरमैन के आग्रह पर सहारा ग्रुप का एंटरटेनमेंट का जो पूरा बिजनेस था, उसे सुपरवाइज भी किया था. साल 2009 में मेरा ​परिचय आपसे उस तरह से हुआ, जब मैंने अपने जीवन के दूसरे पड़ाव में ग्रुप सीओओ के रूप में सहारा न्यूज नेटवर्क जॉइन किया. जब से हम लोग मिले मेरे प्रति इनका स्नेह एक बड़े भाई की तरह रहा है.’

असली हीरो फिल्म का प्रोड्यूसर

उन्होंने आगे कहा, ‘बोनी जी के बारे में सबसे खास बात ये है कि लोग कहते हैं जो प्रोड्यूसर होता है और फिल्में बनाकर रूपहले पर्दे पर पेश करता है, लेकिन फिल्में कैसे बनती हैं और कैसे स्क्रीन तक पहुंचती हैं, उसके पीछे असली हीरो उसका प्रोड्यूसर होता है, जो अपने जीवन की पूंजी दांव पर लगाता है, जो बारिक डिटेल्स को आपके सामने पेश करता है. हालांकि हम फिल्मों के हीरो को पहचानते हैं, लेकिन प्रोड्यूसर को उतनी इज्जत और सम्मान नहीं देते हैं.’

डॉ. सरीन ने किया मां का इलाज


उन्होंने कहा, ‘मेरी मां गंभीर रूप से बीमार थीं, जब मैं डॉ. सरीन से मिला. ये बात साल 2011 की है, जब ILBS को शुरू हुए कुछ ही वक्त हुआ था. मैं अपनी मां को बहुत बुरे हालात में यहां पर लेकर आया था और डॉ. सरीन ने उन्हें पूरी तरह से स्वस्थ करके भेजा था. उसके बाद वो लंबे समय तक स्वस्थ रहीं. हालांकि 2016 में हमें छोड़कर चली गईं. साल 2016 से पहले भी वे डॉ. सरीन के पास आई थीं और उन्होंने दोबारा उन्हें स्वस्थ करके भेजा था.’

ILBS से इमोशनल लगाव


उन्होंने आगे कहा, ‘इस कारण इस इंस्टिट्यूट के साथ मेरा एक इमोशनल लगाव भी है, क्योंकि जब डॉक्टर ये डायग्नोस नहीं कर पा रहे थे कि मां को क्या हुआ तो डॉ. सरीन ने उनका इलाज किया और हम लोगों के पास सही सलामत भेजा.​ जिस बीमारी से वो पीड़ित थीं, उनकी डेथ उस बीमारी से नहीं हुई, लेकिन जो बीमारी थी डॉ. सरीन ने उसका इलाज किया.’

बोनी कपूर को लेकर क्या कहा

सीएमडी उपेंद्र राय ने आगे कहा, ‘बोनी कपूर के बारे में मैं एक बात और बताना चाहूंगा ये जितने सरल और सहज इंसान हैं, उतने ही मददगार भी हैं. सबसे खास बात ये है कि बहुत लोग मदद करके जताना और बताना चाहते हैं. ये आए दिन लोगों की मदद करते हैं. आए दिन अपने प्रोग्राम्स को टालते हैं और मेरे जैसे किसी न किसी छोटे भाई के निवेदन पर अपने काम का नुकसान करते हैं और अपना टिकट कटाकर अपने खर्चे पर कार्यक्रम में पहुंच जाते हैं. अन्य सेलेब्रिटिज को भी मैंने देखा है. लोग तब तक अपने घरों से नहीं निकलते हैं, जब तक उनकी फीस न पहुंचा दीजिए, उनका फर्स्ट क्लास या बिजनेस क्लास का टिकट न भिजवा दीजिए. बोनी जी ऐसे नहीं हैं. वह देने में भरोसा करते हैं, लेने में नहीं. इनका परिवार भी उनके जैसा ही है.’

हेपेटाइटिस पर शॉर्ट फिल्म बने


कार्यक्रम में बोलते हुए फिल्म प्रोड्यूसर बोनी कपूर ने सबसे पहले सीएमडी उपेंद्र राय को कार्यक्रम में आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद दिया और उन्हें अपना छोटा भाई और दोस्त बताया. बोनी कपूर ने कहा, ‘मैं फिल्मों से जुड़ा हुआ हूं. आप लोग जब थियेटर में फिल्म देखने जाते हो तो ​शुरू और आखिर में सिगरेट का ऐड आता है. सैनिटरी पैड्स के बारे में भी ऐड आता है. यहां आकर मैंने हेपेटाइटिस बी के बारे में बहुत कुछ जाना. मुझे लगता है कि इसके बारे में भी एक शॉर्ट फिल्म होनी चाहिए. मैं कोशिश करूंगा कि हेपेटाइसिस बी पर बनी शॉर्ट फिल्म हर फिल्म के साथ दिखाई जाए. इसके लिए मुझे सरकार और प्रशासन की मदद चाहिए होगी, ताकि लोग जागरूक हो सकें.’

फिल्म निर्माता बोनी कपूर.

सीएमडी को दिया धन्यवाद

उन्होंने कहा, ‘हेपेटाइटिस एक गंभीर बीमारी है, जो यहां आकर मैं समझ रहा हूं, मैं इसके बारे में नहीं जानता था. इस बीमारी के बारे में सबको जानना चाहिए और बढ़ते बच्चों का रेगुलर चेकअप कराना चाहिए, ताकि इसकी रोकथाम की जा सके. इस बीमारी के बारे में सबको बताना चाहिए, सबको जागरूक करना चाहिए. यहां बुलाने के लिए एक बार फिर मैं अपने दोस्त और भाई उपेंद्र को धन्यवाद देता हूं.’

क्या है हेपेटाइटिस बी


हेपेटाइटिस बी वायरस के कारण होने वाला एक गंभीर लिवर संक्रमण है, जिसे वैक्सीन द्वारा आसानी से रोका जा सकता है. यह बीमारी आमतौर पर संक्रमित शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलती है. यह वायरस सबसे अधिक जन्म और प्रसव के दौरान मां से बच्चे में फैलता है. साथ ही संक्रमित साथी के साथ सेक्स के दौरान खून या अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क में आने, असुरक्षित इंजेक्शन के संपर्क में आने से फैलता है.

बदलते रहते हैं लक्षण


इस बीमारी के लक्षण बदलते रहते हैं और इसमें आंखों का पीला पड़ना, पेट में दर्द और गहरे रंग का मूत्र शामिल है. कुछ लोगों, खासकर बच्चों को कोई लक्षण नहीं दिखते. गंभीर मामलों में लिवर फेलियर, कैंसर या निशान हो सकते हैं. यह स्थिति अक्सर अपने आप ठीक हो जाती है. हालांकि गंभीर मामलों में दवा की जरूरत होती है और संभवत: लिवर सिरोसिस बढ़ने पर लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है.


♦ ♦ ♦ कार्यक्रम की झलकियां ♦ ♦ ♦ 


-भारत एक्सप्रेस



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