नोटबंदी के दौरान कैसे हुआ फर्जीवाड़ा,आयकर विभाग का खुलासा
पूरे देश में आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी को लागू किया गया था. रात 8 बजे पुराने पांच सौ और एक हजार रुपये के नोट पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इन दोनों नोट को बैंक के खाते में जमा करने को कहा गया था. सिर्फ पेट्रोल और रेलवे के टिकट उस समय के पुराने नोट से खरीदने की व्यवस्था की गई थी. उस समय लोगों को नोट बदलने और बैंक में पुराने नोट जमा करने की कुछ दिन का समय दिया गया था. कारोबारियों व अन्य लोगों ने अपने खाते में करोड़ और अरबों रुपये जमा करवाये थे.
पुराने नोटों को बैंक में जमा करने में उस समय बड़ा फेरबदल हुआ था, जिसका आयकर विभाग की जांच में खुलासा किया गया है. नोटबंदी के समय हुए इस बड़े खेल का खुलासा हो चुका है. झोपड़ियों में रहने वालों लोगो के खाते में करोड़ रुपये जमा कराए गए और बाद में निकाल भी लिया गया था.
जांच में हुआ बड़ा खुलासा
आयकर विभाग की जांच में खुलासा हुआ है कि करोड़ रुपये जमा करने वाले तो झोपड़ियों में रह रहे हैं. अब आयकर विभाग के सामने समस्या खड़ी है कि इन पर जो टैक्स लग रहा है वह उनसे कैसे वसूल किया जाए. इसकी रिपोर्ट तैयार करके आयकर विभाग ने राजस्व परिषद को भेज दिया है.
मुरादाबाद जोन में 76 मामले
आयकर विभाग ने लगातार कई नोटिस जारी किए लेकिन जवाब नहीं दिया तो विभाग ने ब्याज समेत अरबों रुपये का टैक्स वसूली करने का आदेश दिया है मुरादाबाद आयकर जोन में ऐसे 76 मामले हैं. जिनमें चन्दौसी, बदायूं, मुरादाबाद, अमरोहा, बिजनौर जिला में इस तरह के मामले सामने आए हैं.
–भारत एक्सप्रेस