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भाजपा की दूसरी सूची से पहले चिंता में राजस्थान-यूपी और गुजरात के सिटिंग सांसद, जानें पूरा मामला

BJP Candidate List:  भाजपा की पहली सूची सामने आने के बाद कई राज्यों में दिग्गज नेताओं के पसीने छूट रहे हैं. वजह है टिकट कटने का डर.

BJP Candidate List Lok Sabha election 2024

भाजपा ने दिग्गज नेता टिकट कटने के डर से टेंशन में है.

BJP Candidate List: भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 2 मार्च को 16 राज्यों औ 2 केंद्र शासित प्रदेशों के 195 उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए. इस दौरान पार्टी ने कुल 33 वर्तमान सांसदों के टिकट काटे हैं. वहीं युवाओं पर महिलाओं पर भरोसा जताते हुए सोशल इंजीनियरिंग को ध्यान में टिकटों का बंटवारा किया है. पार्टी ने दिल्ली में 4 सांसदों के टिकट काट दिए हैं. वहीं यूपी में भी 5 चेहरे बदले गए हैं. इसके अलावा राजस्थान और एमपी में भी पार्टी ने 4-5 सांसदों के टिकट काटे हैं.

जानकारी के अनुसार पार्टी दूसरी सूची चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद घोषित कर सकती है. हालांकि इसमें अभी काफी समय है. कई राज्यों में पार्टी ने एक भी उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है. इनमें उड़ीसा, बिहार, महाराष्ट्ऱ़ए आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु है. ऐसे में पहली सूची में 33 सांसदों का टिकट कटने के बाद दूसरी सूची से पहले 100 से अधिक सांसदों की टेंशन बढ़ गई है.

गाजियाबाद से युवा दीपक गुप्ता प्रबल दावेदार

दूसरी सूची से पहले गाजियाबाद सांसद वीके सिंह, सुल्तानपुर सांसद मेनका गांधी, पीलीभीत सांसद वरुण गांधी, कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह समेत कई सीटों को होल्ड पर रखा गया है. हालांकि भाजपा की पहली सूची में कई सांसदों को रिपीट किया गया है. जैसे नोएडा से महेश शर्मा. इनका टिकट कटना तय माना जा रहा था लेकिन उन्हें दोबारा टिकट मिल गया है. ऐसे में गाजियाबाद सांसद भी उम्मीदें जता रहे हैं. लेकिन उनका टिकट कटना भी तय माना जा रहा है. यहां से भाजपा किसी युवा चेहरे पर दांव खेल सकती है. ऐसे में टिकट दावेदारों की लंबी फेहरिस्त के बीच पार्टी भाजपा में लंबे समय से सक्रिय जमीनी कार्यकर्ता दीपक गुप्ता को मौका दे सकती है.

सिटिंग सांसदों की मुश्किलें बढ़ी

वहीं कैसरगंज से पार्टी बृजभूषण शरण सिंह के बेटे प्रतीक भूषण को मौका दे सकती है. इसके अलावा बरेली के सांसद संतोष गंगवार और बदायूं से संघमित्रा मौर्य को लेकर संशय बना हुआ है. इसके अलावा भाजपा बागपत और बिजनौर सीट गठबंधन की सहयोगी आरएलडी को दे सकती है. ऐसे में सत्यपाल सिंह की धुकधुकी बढ़ी हुई है. इसके अलावा गुजरात और राजस्थान के सिटिंग सांसद भी टेंशन में हैं. ऐसे में सीटों को लेकर जब तक फैसला नहीं होगा तब तक संशय बना रहेगा.



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