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Rajasthan Election: आरएसएस के ‘मास्टर प्लान’ से बीजेपी जीतेगी चुनावी जंग, इन 8 सीटों पर बड़े बदलाव की तैयारी

राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में अब कुछ महीने का वक्त बचा हुआ है. ऐसे में सभी सियासी दल अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं. चुनाव के चलते उम्मीदवारों के नामों के ऐलान को लेकर माथापच्ची हो रही है.

राजस्थान विधानसभा चुनाव

राजस्थान विधानसभा चुनाव

राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में अब कुछ महीने का वक्त बचा हुआ है. ऐसे में सभी सियासी दल अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं. चुनाव के चलते उम्मीदवारों के नामों के ऐलान को लेकर माथापच्ची हो रही है. इसी बीच जयपुर की 8 विधानसभा सीटों को लेकर बीजेपी में मंथन चल रहा है. आरएसएस ने बीजेपी को जयपुर की इन 8 सीटों पर नए चेहरों को उतारने की सलाह दी है. संघ का मानना है कि पिछली बार के चुनावों में बीजेपी जयपुर में सिर्फ तीन सीटों पर जीत दर्ज कर पाई थी. ऐसे में नए चेहरों को मौका दिया जाना चाहिए. अब इस सलाह के बाद बीजेपी में सियासी हलचल मची हुई है. क्योंकि पुराने चेहरों को नाराज करना भी भारी पड़ सकता है.

सिर्फ 3 सीटों पर जीती थी भाजपा

साल 2018 के विधानसभा चुनाव में जयपुर की 8 सीटों में से बीजेपी सिर्फ 3 पर ही जीत दर्ज कर पाई थी. ऐसे में इन सीटों पर अब बीजेपी नए चेहरों को उतारने की तैयारी कर रही है. इसके अलावा उन सीटों पर भी बदलाव करने की तैयारी में है जहां पर नेता एक ही विधानसभा सीट पर चार-पांच बार चुनाव लड़ चुके हैं. इसके साथ ही जिन्हें पिछली बार हार का सामना करना पड़ा था, उन्हें भी पार्टी दरकिनार करने की सोच रही है.

जयपुर की आठ विधानसभा सीटों पर एक नजर

किशनपोल विधानसभा से मोहनलाल गुप्ता 2018 में अमीन कागजी से चुनाव में शिकस्त मिली, लेकिन इससे पहले वह बीजेपी की टिकट से तीन बार विधायक रह चुके हैं.

सुरेंद्र पारीक जयपुर की हवामहल सीट से दो बार के विधायक रह चुके हैं, जबकि पिछला चुनाव उन्होंने महेश जोशी से हारा था.

अशोक परनामी ने प्रदेश अध्यक्ष के दौरान कांग्रेस के रफीक खान से चुनाव हारे, जबकि इससे पहले वह दो बार विधायक रह चुके हैं.

सिविल लाइन विधानसभा सीट से अरुण चतुर्वेदी 2013 में चुनाव जीते थे, लेकिन पिछली बार उन्हें कांग्रेस के प्रताप सिंह खाचरियावास ने चुनाव हराया.

मालवीय नगर विधानसभा सीट से कालीचरण सराफ अब तक बीजेपी से सात बार विधायक रह चुके हैं, वे नए परिसीमन के बाद 2008 से मालवीय नगर विधानसभा सीट से लगातार चुनाव लड़कर जीत रहे हैं.

पूर्व उपराष्ट्रपति भैरूसिंह शेखावत के दामाद और विद्यानगर विधानसभा के विधायक नरपत सिंह राजवी भी बीजेपी के टिकट से पांच बार विधायक रह चुके हैं, जो विद्यानगर से 2008 से लगातार जीत रहे हैं.

झोटवाड़ा से राजपाल सिंह शेखावत पिछली बार लालचंद कटारिया से चुनाव हार गए, लेकिन राजपाल अब तक पांच बार विधायक रह चुके हैं.

जयपुर की सांगानेर विधानसभा सीट से अशोक लाहोटी एक बार विधायक रह चुके हैं, जबकि पिछली बार वे चुनाव हार गए थे.

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6 सीटों पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य

बीजेपी ने जयपुर की जिन सीटों पर जीत हासिल की थी, उनमें सांगनेर, मालवीय नगर और विद्यानगर सीट शामिल थी. जबकि कांग्रेस ने हवामहलस, किशनपोल, आदर्श नगर, सिविल लाइन और झोटवाड़ा समेत पांच सीटों पर कमल को शिकस्त दी थी. ऐसे में पिछली हार से सबक लेते हुए बीजेपी इस बार कोई भी मौका कांग्रसे को नहीं देना चाहेगी, जिससे उसे हार देखनी पड़े. बीजेपी इस बार छह सीटों को जीतने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है.

-भारत एक्सप्रेस

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