फोटो-सोशल मीडिया
Budget 2024: लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी सरकार का पहला आम बजट 23 जुलाई को आने वाला है. वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण लगातार सातवां बजट पेश करने जा रही हैं.
मालूम हो कि साल 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र में भाजपा की सरकार सत्ता में आई थी और लगातार तीसरी बार 2024 में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में NDA गठबंधन की सरकार बनी है. बता दें कि मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान कई पुरानी परंपराओं को बदला गया है जिसमें से एक रेल बजट भी है. तो आइए जानते हैं कि कौन सी वो परंपरा थी जिसे बदला गया.
जानें कब से चली आ रही थी ये परंपरा?
बता दें कि पहली बार रेल बजट साल 1924 में ब्रिटिश शासन के दौरान पेश किया गया था. इसके बाद से ही लगातार हर साल आम बजट से एक दिन पहले रेल बजट पेश करने की परंपरा चली आ रही थी. तो वहीं 92 साल से चली आ रही इस परंपरा को मोदी सरकार ने 2017 में बदला गया था.
जानें क्या किया गया था बदलाव
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को संसद में अपने कार्यकाल का लगातार सातवां बजट पेश करेंगी. ये पूर्ण बजट होगा, इससे पहले बीते 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया गया था. तो वहीं अगर भारतीय बजट के इतिहास के पन्नों को पलटें तो मोदी सरकार के कार्यकाल में कई बड़े बदलाव देखने को मिले हैं. इनमें से एक सबसे अहम है, रेल बजट से जुड़ा हुआ बदलाव है.
दरअसल जिसे 92 साल बाद 2017 में मोदी सरकार ने आम बजट के साथ ही रेलवे बजट को मर्ज कर दिया था. तभी से संसद में 1 फरवरी को सुबह 11 बजे केवल एक ही बजट पेश किया जाने लगा, जबकि इससे पहले हर साल आम बजट से एक दिन पहले रेलवे का बजट पेश होता था. यहां एक खास बात ये भी बता दें कि आखिर इस बदलाव के लिए सरकार से किसने सिफारिश की थी. मालूम हो कि इसके लिए नीति आयोग ने ब्रिटिश शासन ले चली आ रही इस परंपरा को खत्म करने की सलाह दी थी.
जानें बदलाव के बाद किसने किया था पहला कॉमन बजट पेश?
बता दें कि सालों की इस पुरानी परंपरा में बदलाव के बाद जब पहला आम बजट और रेल बजट को मिलाकर कॉमन बजट पेश किया गया था तो इसे सबसे पहले संसद में पेश करने वाले वित्त मंत्री अरुण जेटली थे. गौरतलब है कि 2017 में पहली बार आम बजट में ही रेलवे बजट भी पढ़ा गया था.
-भारत एक्सप्रेस
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