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सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद कुलदीप कुमार ने ली मेयर की शपथ, SC ने दिए थे ये खास निर्देश

Chandigarh Mayor Election 2024: न्यायमूर्ति सुधीर सिंह और न्यायमूर्ति हर्ष बंगर की खंडपीठ ने कई निर्देश देते हुए कहा, ”प्रतिवादी नंबर 10 (कुलदीप कुमार) की ओर से दिए गए वचन के मद्देनजर, नवनिर्वाचित मेयर अपने कार्यालय का कार्यभार संभालेंगे.

supreme court

सुप्रीम कोर्ट

Chandigarh Mayor Election 2024: सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर के अवैध और असंवैधानिक चुनाव के फैसले को पलट दिया है. जिस उम्मीदवार को जबरदस्ती हराया गया था, वो आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रत्यासी थे. आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार को विजेता घोषित कर दिया है. BJP के इतिहास में यह पन्ना शानदार तरीके से जुड़ता है कि जिस दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 400 सीटें मिलने के साथ क्लीन स्वीप के दावे किए जाते रहे,और एकतरफ विपक्ष के विपक्ष को धराशायी कर चुनावी मैदान ख़ाली कर दिया गया, उस दौर में बीजेपी मेयर का चुनाव हेराफेरी कर के जीत रही थी.

कुलदीप कुमार बनाये गए नए मेयर

न्यायमूर्ति सुधीर सिंह और न्यायमूर्ति हर्ष बंगर की खंडपीठ ने कई निर्देश देते हुए कहा, ”प्रतिवादी नंबर 10 (कुलदीप कुमार) की ओर से दिए गए वचन के मद्देनजर, नवनिर्वाचित मेयर अपने कार्यालय का कार्यभार संभालेंगे. आज यानी 28.02.2024 को सुबह 10 बजे तक नगर निगम, चंडीगढ़ के कार्यालय में शपथ ले लिया. मदर ऑफ़ डेमोक्रेसी के फादर ऑफ़ पावर के लिए इससे शर्मनाक दिन कुछ और नहीं हो सकता है.

न्यायालय ने दिए दिशा निर्देश

नवनिर्वाचित मेयर इस चुनाव के संचालन में अपनी भागीदारी तय करेंगे.

वरिष्ठ उप महापौर और उप महापौर के पदों के लिए चुनाव होंगे.ये चुनाव नोटिस के आधार पर किया जाएगा.

उपरोक्त चुनावों के संचालन की पूरी प्रक्रिया की प्रतिवादी-प्राधिकरण द्वारा वीडियोग्राफी की जाएगी.

जो पार्षद उपरोक्त चुनावों में मतदान के लिए आएंगे, उनके साथ कोई समर्थक या किसी अन्य राज्य से संबंधित सुरक्षा कर्मी नहीं होंगे.

चंडीगढ़ पुलिस, मतदान के लिए आने वाले पार्षदों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करना सुनिश्चित करेगी, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि उनके साथ किसी अन्य राज्य से संबंधित कोई भी सुरक्षा कर्मी नहीं होगा.
कांग्रेस का दावा

कांग्रेस पार्षद गुरप्रीत सिंह और निर्मला देवी ने यह कहते हुए अदालत का रुख किया था कि वरिष्ठ उप महापौर और उप महापौर पद के लिए नए सिरे से चुनाव कराने की आवश्यकता है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार पिछले नामांकन और वापसी अब वैध नहीं हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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