रोवर प्रज्ञान
Chandrayaan-3: इसरो (ISRO) ने चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान (Rover Pragyan) को सुलाने के बाद अब लैंडर विक्रम (Lander Vikram) को भी सुला दिया है. हालांकि इसके पहले विक्रम ने चांद पर छलांग लगाई थी. इसरो ने इसकी तस्वीरें जारी की हैं, जिसमें बदली हुई जगह देखी जा सकती है.
लैंडर को सुलाने से पहले सभी पेलोड्स से नई जगह की पड़ताल की गई, इसके बाद इसरो ने ‘विक्रम’ को सोने का कमांड दिया. इस वक्त सारे पेलोड्स बंद हैं और केवल रिसीवर ऑन है जिससे वह दोबारा कमांड लेकर फिर से काम कर सके.
स्लीप मोड में गया रोवर
चंद्रयान-3 के रोवर ‘प्रज्ञान’ ने चंद्रमा की सतह पर अपना काम पूरा कर लिया है और अब यह स्लीप मोड में चला गया है. इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा था कि चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-3 के रोवर और लैंडर ठीक से काम कर रहे हैं और चूंकि चंद्रमा पर अब रात हो जाएगी इसलिए इन्हें ‘‘निष्क्रिय’’ किया जाएगा.
Chandrayaan-3 Mission:
Vikram Lander is set into sleep mode around 08:00 Hrs. IST today.Prior to that, in-situ experiments by ChaSTE, RAMBHA-LP and ILSA payloads are performed at the new location. The data collected is received at the Earth.
Payloads are now switched off.… pic.twitter.com/vwOWLcbm6P— ISRO (@isro) September 4, 2023
इसरो ने ‘प्रज्ञान’ के बारे में कहा था कि रोवर ने अपना कार्य पूरा कर लिया है. इसे अब सुरक्षित रूप से ‘पार्क’ किया गया है और स्लीप मोड में सेट किया गया है. एपीएक्सएस और एलआईबीएस ‘पेलोड’ बंद हैं. इन पेलोड से आंकड़े लैंडर के माध्यम से पृथ्वी पर प्रेषित किए जाते हैं.
वर्तमान में रोवर की बैटरी पूरी तरह से चार्ज है और उसका सौर पैनल 22 सितंबर, 2023 को चंद्रमा पर अपेक्षित अगले सूर्योदय पर प्रकाश प्राप्त करने के लिए उन्मुख है. इसरो की तरफ से बताया गया कि चंद्रयान-3 का रिसीवर ऑन रखा गया है. अपने कार्य के दूसरे चरण के लिए इसके सफलतापूर्वक दोबारा एक्टिव होने की उम्मीद है. नहीं तो, यह हमेशा के लिए भारत के चंद्र राजदूत के रूप में वहीं रहेगा.
चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को उड़ान भरने के बाद 23 अगस्त को चांद की सतह पर कदम रखा था. चांद की सतह पर लैंडर विक्रम जैसे ही उतरा भारत ने इतिहास रच दिया था. भारत चांद के साउथ पोल पर पहुंचने वाला दुनिया का इकलौता देश है.
-भारत एक्सप्रेस