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शासन में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार पाने के बाद IAS अधिकारियों ने PM का जताया आभार

सिविल सेवा दिवस पर उत्कृष्ट कार्यों के लिए पीएम मोदी ने आईएएस अधिकारियों को सम्मानित किया. अफसरों ने पुरस्कार पाकर आभार जताया और ‘विकसित भारत’ के लिए प्रतिबद्धता दोहराई.

IAS officers express gratitude to PM Modi
Aarika Singh Edited by Aarika Singh

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 17वें सिविल सेवा दिवस पर सिविल सेवकों को संबोधित किया. उन्होंने ‘विकसित भारत’ के निर्माण में सिविल सेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की और लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार प्रदान किए.

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि दी. साथ ही उनके उस कथन को भी याद किया जिसमें उन्होंने सिविल सेवकों को भारत का “स्टील फ्रेम” कहा था. उन्होंने जोर देकर कहा कि 2047 तक विकसित भारत का सपना साकार करने के लिए सभी प्रशासनिक इकाइयों के बीच तालमेल और भविष्योन्मुखी, तकनीक आधारित दृष्टिकोण जरूरी है.

प्रधानमंत्री ने कहा, “पुराने तौर-तरीकों से शासन नहीं चल सकता. जैसे-जैसे दुनिया और युवा तेजी से तकनीकी प्रगति के साथ बदल रहे हैं, वैसे ही हमारी नौकरशाही को भी उसी गति से ढलना होगा.”

इस समारोह में कई आईएएस अधिकारियों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए पुरस्कृत किया गया. पुरस्कार पाने वाले अधिकारियों ने प्रधानमंत्री के प्रति आभार जताया और बताया कि उनके कार्य पीएम मोदी के विकसित भारत के विजन से कैसे जुड़े हैं.

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम के जिला मजिस्ट्रेट अतहर आमिर खान ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी से यह पुरस्कार पाना बहुत सम्मान की बात है. उनके प्रोत्साहन ने हमें प्रेरित किया है. ‘विकसित भारत @2047’ के उनके विजन के तहत पीएम मुद्रा योजना जैसे कार्यक्रम देशभर में युवाओं को सशक्त बना रहे हैं.”

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा की आईएएस अधिकारी आयुषी सूदन ने क्षमता निर्माण और तकनीक के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा, “सबसे पहले मैं प्रधानमंत्री का इस पुरस्कार के लिए आभार व्यक्त करती हूं. हर स्तर पर क्षमता निर्माण जरूरी है. हमने 300 से अधिक स्मार्ट क्लासरूम, रोबोटिक्स और इनोवेशन लैब बनाए, जिससे शिक्षा में सुधार हुआ. ट्रैकर्स और मॉनिटरिंग टूल्स का उपयोग कर हम जमीनी स्तर पर बेहतर शासन सुनिश्चित कर रहे हैं.”

असम के तिनसुकिया के अधिकारी स्वप्नील पॉल ने जल शाला और जलदूत योजनाओं के जरिए पानी की आपूर्ति में किए गए नवाचारों के बारे में बताया. उन्होंने कहा, “बाढ़ प्रभावित कई गांवों में पहली बार मानसून के दौरान निर्बाध पानी की आपूर्ति उपलब्ध हुई, जिससे जलजनित बीमारियां काफी कम हुईं. मुझे पीएम मोदी द्वारा पुरस्कृत होने पर बहुत खुशी है.”

राजकोट के जिला मजिस्ट्रेट प्रभव जोशी ने सौर ऊर्जा और आवास के क्षेत्र में उपलब्धियों को साझा किया. उन्होंने बताया, “हमने 33 से अधिक सौर रूफटॉप लगाए, जिससे बिजली बिल शून्य हो गया. पीएम आवास योजना के तहत 9,200 मकान बनाए गए, जिससे झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों का जीवन स्तर सुधरा.”

मध्य प्रदेश के झाबुआ की आईएएस अधिकारी नेहा मीणा ने ‘मोती आई’ अभियान के बारे में बताया, जिसके तहत स्थानीय समुदाय की मदद से एनीमिया से निपटा गया. उन्होंने कहा, “हमने स्थानीय भाषा में लोकगीत और सहपाठी परामर्श का उपयोग कर आदिवासी बच्चों में कुपोषण की समस्या को संबोधित किया.”

अदिलाबाद के जिला कलेक्टर राजर्षि शाह ने नरनूर ब्लॉक में बदलाव की कहानी साझा की. उन्होंने कहा, “पिछले दो साल में स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे में काफी सुधार हुआ. हमने एनीमिया से पीड़ित लड़कियों के लिए ‘महुआ लड्डू’ पहल शुरू की, जिसे पीएम ने ‘मन की बात’ में सराहा.”

बिहार के नालंदा के आईएएस अधिकारी शशांक शुभंकर ने कहा, “यह पुरस्कार हमारे जिले की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने की सफलता को दर्शाता है. प्रधानमंत्री ने सही कहा कि शासन की असली गुणवत्ता योजनाओं को शुरू करने में नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करने में है कि वे वास्तव में जमीनी स्तर पर लोगों तक पहुंचें और उन पर असर डालें.”

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-भारत एक्सप्रेस



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