मनीष सिसोदिया
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दावा किया कि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकतर अधिकारी उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के पक्ष में नहीं थे, लेकिन उन्होंने ‘‘राजनीतिक दबाव’’ के कारण ऐसा किया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद मनोज तिवारी ने केजरीवाल के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि सभी को पता है कि आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय समन्वय ने जो भी कहा या लिखा है वह सभी ‘‘मनगढ़त’’ है.
आठ घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार
सीबीआई के अधिकारियों ने 2021-22 की आबकारी नीति लागू करने में कथित भ्रष्टाचार को लेकर करीब आठ घंटे की पूछताछ के बाद रविवार को सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था. यह नीति अब समाप्त की जा चुकी है. केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘ मुझे बताया गया है कि सीबीआई के अधिकतर अधिकारी मनीष को गिरफ्तार करने के पक्ष में नहीं थे. वे सभी उनका बहुत सम्मान करते हैं और उनके खिलाफ कोई सबूत भी नहीं है. हालांकि उनकी गिरफ्तारी को लेकर काफी राजनीतिक दबाव था और उन्हें अपने राजनीतिक आकाओं के आदेश का पालन करना था.’’
I am told that most CBI officers were against Manish’s arrest. All of them have huge respect for him and there is no evidence against him. But the political pressure to arrest him was so high that they had to obey their political masters
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 27, 2023
मनगढ़त बातें करने का लगाया आरोप
इस ट्वीट पर जवाब देते हुए भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने उन पर सिसोदिया की गिरफ्तारी के बारे में मनगढ़त बातें करने का आरोप लगाया और कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने गुजरात विधानसभा चुनाव के समय आईबी की एक रिपोर्ट के बारे में भी झूठ बोला था. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ ऐसी झूठी खबरें आपने आईबी को लेकर गुजरात में भी फैलायी थी.. अब सब जानते हैं कि आप जो लिखते और बोलते है वो सब मनगढ़ंत होता है .. क़ानून को काम करने दो, शराब मंत्री के शराब घोटाले पर जांच की आंच जल्द आगे भी बढ़ेगी, आपको इसी का डर है ना.’’
आईबी रिपोर्ट
अक्टूबर 2022 में गुजरात चुनाव के दौरान केजरीवाल ने कहा था कि आईबी की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगर उस समय चुनाव हुए तो ‘आप’ मामूली अंतर से सरकार बनाएगी. सिसोदिया से पहले आम आदमी पार्टी (आप) के नेता एवं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को पिछले साल जून में गिरफ्तार किया गया था. आम आदमी पार्टी का कहना है कि दिल्ली की शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवाओं में आए व्यापक परिवर्तन में इन दोनों नेताओं की अहम भूमिका रही है. पार्टी की लोकप्रियता और निरंतर चुनावी सफलता में भी इनका योगदान रहा है.