
नरेश बाल्यान
मकोका मामले में जेल में बंद आम आदमी पार्टी विधायक नरेश बाल्यान को दिल्ली हाई कोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार प्रसार के लिए बाल्यान को कस्टडी पैरोल देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट बाल्यान की ओर से दायर जमानत याचिका पर 30 जनवरी को सुनवाई करेगा.
बाल्यान की पत्नी लड़ेगीं विधानसभा चुनाव
जस्टिस विकास महाजन ने दिल्ली पुलिस की ओर से पेश एसपीपी के विरोध के बाद कस्टडी पैरोल की मांग को खारिज कर दिया. मामले की सुनवाई के दौरान बाल्यान की ओर से पेश वकील ने ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से मिली कस्टडी पैरोल का हवाला दिया था. उन्होंने कहा कि ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रसार के लिए कस्टडी पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया है. बाल्यान ने इसी आधार पर छह घंटे की कस्टडी पैरोल की मांग की थी. उन्होंने कहा कि मैं हिरासत के दौरान कस्टडी पैरोल का भुगतान कर सकता हूं. एक मौजूदा विधायक के रूप में, मैं हिरासत में रहूंगा.
उन्होंने यह भी कहा था कि नरेश बाल्यान के खिलाफ मकोका का मामला नहीं बनता है. तब दिल्ली पुलिस की ओर से पेश एसपीपी अमित प्रसाद ने कहा था कि नरेश बाल्यान खुद उम्मीदवार नहीं है. उन्होंने कहा था कि अगर बाल्यान खुद उम्मीदवार नहीं है. बाल्यान ने दायर याचिका में कहा था कि उनकी पत्नी दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन उन्हें इसका कोई अनुभव नही है, इसलिए उन्हें कस्टडी पैरोल पर रिहा किया जाना चाहिए, ताकि वो अपनी पत्नी के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं कर सकें.
उनके वकील ने कहा था कि बाल्यान दो बार विधायक रह चुके है.उनके खिलाफ कोई अपराध नहीं बनाया गया है. इससे पहले बाल्यान का जमानत का दिल्ली पुलिस ने विरोध करते हुए कहा था कि जांच में बाल्यान और उसके फरार साथियों के संगठित अपराध में शामिल होने का पता चला है. उन्होंने कथित तौर पर वित्तीय या अन्य अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए गवाहों की वैध संपत्तियों पर विवाद करने की साजिश रची.
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-भारत एक्सप्रेस
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