

- श्री रविदास मंदिर एवं धर्मशाला कुरुक्षेत्र में सुदेश कटारिया के सम्मान में हुआ समारोह
अभी तक विपक्षी राजनीतिक दलों ने दलितों का हमेशा वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया है, लेकिन पिछले 10 सालों में हरियाणा में मुख्यमंत्री रहते हुए मनोहरलाल एवं उसके बाद वर्तमान सीएम नायब सिंह सैनी ने संविधान के शिल्पकार बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर के विजन को जमीन पर साकार कर दिया. आज समाज हर क्षेत्र में समान और स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मिशन मेरिट के जरिये दलित वर्ग के पढ़े-लिखे युवाओं को बिना खर्ची-पर्ची योग्यता के आधार पर नौकरी मिल रही है. जिसकी मिशाल अब देश के तमाम राज्य दे रहे हैं. यह बात केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के मुख्य मीडिया सलाहकार सुदेश कटारिया ने श्री रविदास मंदिर एवं धर्मशाला में आयोजित सम्मान समारोह में कही. इससे पूर्व समारोह में पहुंचने पर युवाओं ने इस नेता का शानदार स्वागत किया गया.
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के मीडिया सलाहकार सुदेश कटारिया ने कहा कि साढ़े 9 साल हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे मनोहर लाल ने अंत्योदय उत्थान के तहत समाज में अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को सीधा योजनाओं का लाभ पहुंचाया. उन्होंने न केवल हरियाणा की राजनीति से परिवारवाद, भाईभतीजावाद, भ्रष्टाचार और पर्ची-खर्ची के सिस्टम को खत्म कर सुशासन व पारदर्शिता का मॉडल पेश किया. साथ ही सुशासन की इस रिवायत को अब प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सैनी आगे बढ़ा रहे हैं. इस अवसर पर गांव खिजरपुरा के सरपंच अनिल कुमार धन्ना, श्याम लाल, डॉ. कर्मवीर रामलाल, राजेंद्र मिर्जापुर सहित सैकड़ों गणमान्य लोग मौजूद रहे.
राजनीतिक भागीदारी के लिए एकजुटता जरूरी: कटारिया
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के मुख्य मीडिया सलाहकार सुदेश कटारिया ने आह्वान किया कि राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने के लिए एकजुटता जरूरी है. समाज को एकजुट होकर राजनीतिक प्रतिनिधित्व के लिए लड़ाई लड़नी होगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि कुछ लोगों का एजेंडा राजनीतिक होता है, लेकिन उनका एजेंडा समाज के हकों की लड़ाई लड़ना है. इस लड़ाई में सभी का सहयोग व भागीदारी चाहिए, खासकर युवा वर्ग को अपने हकों के लिए जागरूक होना होगा.
मिशन मेरिट का दलित वर्ग को मिला सबसे ज्यादा लाभ
सुदेश कटारिया ने कहा कि मनोहर लाल ने मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल के दौरान फैसला लिया कि हरियाणा में नौकरियां मेरिट और योग्यता के आधार पर होंगी. कहने को तो यह बात बड़ी छोटी लगती है, लेकिन जब उन्होंने इसे मिशन मेरिट को धरातल पर उतारा तो सबसे ज्यादा लाभ दलित वर्ग के युवाओं को हुआ. जिनके पास न तो पर्ची थी और न ही खर्ची और न ही किसी राजनेता की सिफारिश, अपनी योग्यता के बूते दलित वर्ग के युवाओं को एचसीएस की नौकरियां भी मिली और पुलिस से लेकर अन्य विभागों में बड़े पदों पर दलित वर्ग के युवा भर्ती हुए.
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