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Delhi Assembly Elections: कांग्रेस की पहली सूची में कौन-कौन होंगे दिग्गज नेता? जानें पूरी सच्चाई!

दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. कांग्रेस, जो पिछले दो चुनावों में खाता खोलने में विफल रही थी, इस बार आक्रामक रणनीति अपना कर आगे बढ़ रही है.

Rahul gandhi and Khdge

फाइल फोटो.

दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. कांग्रेस, जो पिछले दो चुनावों में खाता खोलने में विफल रही थी, इस बार आक्रामक रणनीति अपना कर आगे बढ़ रही है. पार्टी ने अपनी तैयारियों को धार देते हुए उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

CEC बैठक में होगा नामों पर अंतिम निर्णय

आज शाम 6 बजे सेंट्रल इलेक्शन कमिटी (CEC) की बैठक में स्क्रीनिंग कमिटी द्वारा शॉर्टलिस्ट किए गए नामों पर चर्चा होगी. उम्मीद है कि इस बैठक के बाद कांग्रेस अपनी पहली सूची जारी करेगी, जिसमें लगभग 20 उम्मीदवारों के नाम शामिल हो सकते हैं.

दिग्गज नेताओं को मैदान में उतारने की योजना

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पार्टी इस बार अपनी साख बचाने के लिए अनुभवी नेताओं को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है.

संदीप दीक्षित: पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे और ईस्ट दिल्ली से सांसद रह चुके संदीप दीक्षित को बाबरपुर सीट से चुनाव लड़ाने की योजना है. यह उनका पहला विधानसभा चुनाव होगा.

हारुन यूसुफ: शीला दीक्षित सरकार में मंत्री रहे हारुन यूसुफ को बल्लीमारान सीट से उम्मीदवार बनाए जाने की संभावना है.

देवेंद्र यादव: मौजूदा समय में प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका में है पार्टी उन्हें बादली सीट से मैदान में उतार सकती है

चौधरी अनिल कुमार (पटपड़गंज)

अनिल भारद्वाज (सदर)

अली मेहंदी (मुस्तफाबाद)

रोहित चौधरी (नांगलोई)

अभिषेक दत्त (कस्तूरबा नगर)

कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर

दिल्ली में AAP और BJP के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच कांग्रेस पिछले दो विधानसभा चुनावों में हाशिये पर रही. 2015 और 2020 में पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली थी. इस बार पार्टी इसे प्रतिष्ठा की लड़ाई मानते हुए दिग्गज नेताओं को मैदान में उतार रही है.

चुनौतीपूर्ण सीटों पर माथापच्ची

ओखला, चांदनी चौक और नई दिल्ली जैसी सीटों पर एक से अधिक दावेदार होने के कारण इन सीटों पर उम्मीदवारों का चयन चुनौतीपूर्ण हो रहा है .

कांग्रेस की रणनीति का महत्व

दिल्ली कांग्रेस के लिए यह चुनाव पुनरुद्धार का अवसर है. पार्टी इस बार न केवल अनुभवी नेताओं पर भरोसा कर रही है, बल्कि जमीनी स्तर पर मजबूत उम्मीदवारों को भी प्राथमिकता दे रही है. यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस की यह रणनीति उसे लंबे समय के बाद दिल्ली की राजनीति में मजबूती दिला पाती है या नहीं.

आने वाले दिनों में कांग्रेस की पहली सूची और उम्मीदवारों के चयन से स्पष्ट हो जाएगा कि पार्टी ने इस चुनाव के लिए किस दिशा में कदम बढ़ाए हैं.

अभी के हालातो को देखते हुए कांग्रेस पार्टी सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है क्योंकि कांग्रेस की दिल्ली इकाई पहले ही आबादी पार्टी से गठबंधन को मना कर चुकी है और अब खुद आबादी पार्टी के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावना खत्म कर दिया है.

-भारत एक्सप्रेस



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