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Delhi Dehradun Expressway: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने गुरुवार को 12,000 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे 212 किलोमीटर 6 लेन वाले दिल्ली-देहरादून ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे का निरीक्षण किया. गडकरी के साथ केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वी.के. सिंह (सेवानिवृत्त) ने ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना की प्रगति की समीक्षा की, इसे साल के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है. देहरादून एक्सप्रेस-वे का काम तेजी से चल रहा है. इसके तैयार हो जाने के बाद दिल्ली से देहरादून का सफर 5 घंटे के बजाय सिर्फ ढाई घंटे में तय हो सकेगा.
यह एक्सप्रेस वे चार खंडो में विभाजित है और इसका निर्माण दिल्ली में अक्षरधाम के पास दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (डीएमई), शास्त्री पार्क, खजूरी खास, मंडोला में खेकड़ा, बागपत, शामली, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश में ईपीई इंटरचेंज से शुरू होकर देहरादून, उत्तराखंड तक किया जा रहा है.
इस शानदार एक्सप्रेस वे की खास बात यह है कि इस पर 12 किलोमीटर लंबा वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर तैयार (Wild life Corridore) किया जा रहा है, जो एशिया का सबसे लंबा वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर है. दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ियां हवा से बात करती नजर आएंगी. 210 किलोमीटर तक की देहरादून की दूरी महज ढाई घंटे में तय होगी. इस एक्सप्रेस वे में 7 इंटरचेंज और 60 अंडरपास होंगे.
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे चार भागों में बनाया जा रहा है. जिसमें पहला सेक्शन अक्षरधाम से बागपत के 32 km का है जिसमें 18 km का हिस्सा एलिवेटेड है. इसके बाद दूसरा सेक्शन बागपत से सहारनपुर का जो 118 किलोमीटर का है. वहीं तीसरे सेक्शन में सहारनपुर से गणेशपुर के 40km और चौथा सेक्शन गणेशपुर से देहरादून के 20 km का है.
देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेस वे कुल 1995 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ है. इसकी लागत 340 मीटर लंबी है. इस कॉरिडोर के निर्माण में कई विशेष प्रावधान किए गए हैं. इनमें गणेशपुर से देहरादून के रास्ते को जंगली जानवरों से सुरक्षित रखा गया है. इसमें 12 किमी एलिवेटेड रोड, 6 पशु अंडरपास, 2 हाथी अंडरपास, 2 बड़े पुल और 13 छोटे पुल का प्रावधान है. पूरे एक्सप्रेसवे में कुल 113 वीयूपी (वाहन अंडर पास), एलवीयूपी (लाइट व्हीक्युलर अंडर पास), एसवीयूपी (छोटे वाहन अंडरपास), 5 आरओबी, 4 बड़े पुल और 62 बस शेल्टर बनाए जा रहे हैं.
इसके साथ ही 76 किमी सर्विस रोड, 29 किमी एलिवेटेड रोड के अलावा 16 एंट्री-एग्जिट पॉइंट भी बनाए जा रहे हैं. यात्रियों की सुविधा के लिए एक्सप्रेस-वे पर 12 वे-साइड सुविधाओं का प्रावधान है. इस राजमार्ग से हरिद्वार को जोड़ने के लिए 2095 करोड़ रुपये की लागत से 51 किमी 6 लेन ग्रीनफील्ड सड़क का निर्माण किया जा रहा है.
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