प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.
दिल्ली हाईकोर्ट ने मौजूदा लोकसभा चुनाव में वाराणसी लोकसभा क्षेत्र से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उम्मीदवारी को रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दिया. न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता ने लापरवाह और निराधार आरोप लगाए हैं. उसका उद्देश्य बिना किसी आधार के गलत आरोप लगाना है. याचिका दुर्भावनापूर्ण एवं परोक्ष उद्देश्यों से भरी हुई है.
क्या आरोप लगा था
कैप्टन दीपक कुमार ने याचिका दाखिल कर आरोप लगाय था कि मोदी और उनके साथियों ने वर्ष 2018 में एयर इंडिया की एक उड़ान की दुर्घटना कराने की योजना बनाकर राष्ट्रीय सुरक्षा को अस्थिर करने का प्रयास किया था. उस समय वे उस उड़ान में पायलट थे. उसने यह भी आरोप लगाया था कि मोदी ने झूठी शपथ पत्र दिया है. याचिका में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की उम्मीदवारी भी रद्द करने की भी मांग की गई थी.
याचिकाकर्ता ने कहा है कि मोदी ने अपने और अपने साथियों के खिलाफ गंभीर आरोपों की जांच में बाधा डाली है. उसके अनुसूचित जाति से होने के कारण मोदी के सहयोगियों की ओर से आर्थिक और सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है. मोदी खुद को और अपने सहयोगियों को कानूनी जांच से बचाकर प्रधानमंत्री के अपने पद का दुरु पयोग कर रहे हैं. नरेंद्र मोदी, अमित शाह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके सहयोगी एक आपराधिक तत्व हैं जो बड़े पैमाने पर भारतीय समाज के लिए हानिकारक होंगे. इस प्रकार उन्हें एक दुष्ट तत्व घोषित किया जाना चाहिए. साथ ही वर्ष 2024 के आम चुनाव के लिए वाराणसी लोकसभा सीट के उम्मीदवार के रूप में संविधान के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा रखने की झूठी शपथ या प्रतिज्ञान देने के लिए उन्हें अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए.
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि मोदी पर एयर इंडिया लिमिटेड की बिक्री प्रक्रिया को प्रभावित करने और उसमें सक्रिय भूमिका निभाने व सबूतों को नष्ट करने का आरोप है. उस वजह से याचिकाकर्ता के सेवा रिकॉर्ड में हेराफेरी करके उनका पायलट लाइसेंस और रेटिंग रद्द कर दिया गया था.
-भारत एक्सप्रेस
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