पीएम मोदी.
नई दिल्ली: पीएम मोदी व अन्य को चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता को लगाई कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को चिकित्सा सहायता की जरूरत है. कोर्ट ने यह भी कहा कि स्थानीय अधिकारियों को उस पर नज़र रखने की जरूरत है.
कोर्ट ने याचिकाकर्ता को लगाई कड़ी फटकार
कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए पूछा क्या आप ठीक हैं? आपकी याचिका बेवजह है. आप स्पेक्ट्रम के एक छोर से दूसरे छोर तक जा रहे हैं. यह फैसला दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की बेंच ने कहा को स्थानीय प्रशासन याचिकाकर्ता पर नजर रखे. कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोप बेतुका है और वह या तो मतिभ्रम या किसी अन्य मानसिक समस्या से पीड़ित है और उन्हें चिकित्सा सहायता की जरूरत है. कैप्टन दीपक कुमार ने सिंगल बेंच के आदेश को डिवीजन बेंच में चुनौती दी थी.
याचिकाकर्ता ने की थी ये मांग
अपील में पीएम के साथ-साथ गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को अयोग्य ठहराने की मांग की गई थी. याचिका में आरोप लगाया था कि इन तीनों ने झूठी शपथ ली थी. याचिका में पीएम मोदी पर राष्ट्रीय सुरक्षा को अस्थिर करने के प्रयास का भी आरोप लगाया था.
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ये था पूरा मामला
बता दें कि इससे पहले भी दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर पीएम पर 6 साल तक किसी भी तरह के चुनाव लडने से रोक लगाने की मांग की गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. याचिका में दावा किया गया था कि 9 अप्रैल को उत्तरप्रदेश के पीलीभीत में प्रधानमंत्री मोदी ने वोट पाने के लिए धर्म का सहारा लिया था. याचिका में भगवान और पूजा स्थल के नाम पर वोट मांगकर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए पीएम मोदी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी.
याचिका में पीएम मोदी को 6 साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी. याचिकाकर्ता ने कहा था कि पीएम ने अपने भाषण के दौरान मतदाताओं से हिंदू देवी देवताओं और हिंदू पूजा स्थलों के नाम पर भाजपा को वोट देने की अपील की.
-भारत एक्सप्रेस
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