सुधा मूर्ति और नारायण मूर्ति
कर्नाटक लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में आज 14 सीटों पर मतदान हो रहा है. दुनिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने आज शुक्रवार को बेंगलुरु के बीईएस मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला. वहीं उनकी पत्नी और राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने भी आज बेंगलुरु में अपना वोट डाला. लोकसभा चुनाव में अपना वोट डालने के बाद इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने कहा, “हर पांच साल में एक बार हमें अपने संविधान द्वारा दिए गए मतदान के अधिकार का इस्तेमाल करने का अवसर मिलता है. आज वह दिन है जब हम सभी को अपनी वोट की शक्ति का इस्तेमाल करने के लिए उत्साहित होना चाहिए.”
घर पर बैठकर टिप्पणी न करें, कृपया बाहर आएं और अपना नेता चुनें
राज्यसभा सांसद, लेखिका और समाजसेवी सुधा मूर्ति ने लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण के दौरान शुक्रवार को बेंगलुरु , कर्नाटक में बीईएस मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला. लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अपनी भागीदारी के बाद, मूर्ति ने नागरिकों से वोट देने के अपने अधिकार का प्रयोग करने का आग्रह किया. मीडिया से बात करते हुए, सुधा मूर्ति ने लोगों, विशेषकर युवाओं से वोट देने के अपने अधिकार का प्रयोग करने और अपने नेताओं को चुनने का आग्रह करते हुए कहा “मैं सभी से कहना चाहती हूं कि घर पर बैठकर टिप्पणी न करें. कृपया बाहर आएं और अपना नेता चुनें. कृपया आएं और मतदान करें…”
सुधा मूर्ति को मिल चुके हैं इतने सम्मान
प्रसिद्ध लेखिका, सुधा मूर्ति ने अंग्रेजी और कन्नड़ साहित्य में योगदान दिया है और 31 दिसंबर, 2021 को इंफोसिस फाउंडेशन के अध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत्त हुईं. सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें 2023 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. 2006 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया. मूर्ति की शादी इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति से हुई है और वह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सास हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 8 मार्च को लेखिका और समाजसेवी सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए नामित करने के बाद सुधा मूर्ति ने कहा कि वह खुश हैं कि उन्हें गरीबों के लिए काम करने के लिए एक बड़ा मंच मिल रहा है, उन्होंने कहा कि उनके नामांकन और काम का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है.