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डीयू छात्र संघ चुनाव के दौरान दीवारों और सड़कों पर लगे पोस्टर-बैनर, दिल्ली हाई कोर्ट ने जाहिर की नाराजगी

DUSU Elections 2024: कोर्ट ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव लोकतंत्र का उत्सव है न कि मनी लॉन्ड्रिंग का उत्सव. कोर्ट ने पूछा कि क्या कोई रिकॉर्ड है कि चुनाव में कितना पैसा इस्तेमाल किया जा रहा है.

DUSU and delhi High Court

DUSU Elections 2024: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के दौरान दीवारों और सड़कों पर पोस्टर, बैनर लगाने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव लोकतंत्र का उत्सव है न कि मनी लॉन्ड्रिंग का उत्सव. कोर्ट ने कहा कि इस तरह से सिस्टम बको युवाओं को करप्ट नहीं होने देना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि यह स्थिति देश के आम चुनाव से भी बुरी है. कोर्ट ने पूछा कि क्या कोई रिकॉर्ड है कि चुनाव में कितना पैसा इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसा लग रहा है कि करोड़ो रुपया खर्च किया जा रहा है.

पोस्टर व बैनर का प्रयोग प्रतिबंधित

लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुसार प्रचार में मुद्रित पोस्टर व बैनर का प्रयोग प्रतिबंधित है. जबकि कैंपस की दीवारों पर इस तरह के पोस्टरों मि भरमार है और जगह-जगह होल्डिंग्स भी लगे हुए है. कोर्ट ने कहा कि इस तरह से पैसा को बर्बाद नहीं होने देना चाहिए. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि आपको सख्त एक्शन लेना चाहिए. दिल्ली हाई कोर्ट को दिल्ली विश्वविद्यालय ने बताया कि 21 में से उम्मीदवारों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

हाईकोर्ट ने दिया 26 सितंबर तक का समय

हाईकोर्ट ने डीयू को कार्रवाई पूरी करने के लिए 26 सितंबर तक का समय दे दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि सार्वजनिक संपत्ति पर जो पोस्टर लगे हुए हैं क्या आपने इसकी फोटो ली है? अगर वह पोस्टर लगाते हैं तो पोस्टर हटाने का खर्चा भी उम्मीदवारों को उठाना होगा. दिल्ली हाई कोर्ट को बताया गया कि अब तक DUSU के चुनाव के दौरान 16 हजार बोर्ड, दो हजार होल्डिंग, 2 लाख से ज्यादा पोस्टर हटाए जा चुके है. हालांकि, DUSU चुनाव 2024-25 के लिए नियुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी उम्मीदवारों को नोटिस जारी कर, 24 घंटे के भीतर विश्विद्यालय परिसर में उनके नाम के लगे पोस्टर बैनर को हटाने का निर्देश दिया था.

बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय के चुनावों में नियमों का उल्लंघन कोई नई बात नहीं है. 2017 में एनजीटी ने डीयू को पोस्टरों से दीवारों को गंदा करने वाले छात्रों को निष्कासित करने और जुर्माना लगाने का आदेश दिया था. इन हस्तक्षेपों के बावजूद, चुनाव से संबंधित पोस्टरों से दीवारों को गंदा करना और कागज बर्बाद करना हर साल बड़े पैमाने पर होता है.

-भारत एक्सप्रेस



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