बीआरएस नेता के. कविता
ईडी ने आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के मामले में गिरफ्तार के. कविता की जमानत याचिका का हाईकोर्ट में विरोध किया. उसने कोर्ट से कहा कि अगर कविता को जमानत पर रिहा किया जाता है तो उससे गहरी साजिश का पता लगाने में दिक्कत होगी. न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने इस मुद्दे पर अगली सुनवाई 27 मई के लिए स्थगित कर दिया.
सबूतों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को कर सकती प्रभावित
ईडी ने कोर्ट से यह भी कहा कि तेलंगाना की बीआरएस नेता एक अत्यधिक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उन पर गंभीर आर्थिक अपराध का आरोप है. वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित कर सकती हैं. उसने अपने अपने जवाबी हलफनामे में कहा है कि कविता ने अन्य लोगों के साथ साजिश रची और 100 करोड़ रुपए की रित देने में सक्रिय रूप से शामिल रहीं. कविता ने निचली अदालत के 6 मई के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसके तहत सीबीआई के भ्रष्टाचार मामले के साथ ईडी के धन शोधन मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी. कविता के वकील ने दलील दी कि आबकारी नीति मामले में 50 आरोपियों में से वह अकेली महिला है और उन्होंने कोर्ट से उनकी महिला होने के नाते जमानत देने पर विचार करने का आग्रह किया.
ईडी ने कहा कि बीआरएस नेता के खिलाफ पर्याप्त सबूत
सह आरोपी अरुण रामचंद्रन पिल्लई की याचिका को लेकर सीबीआई ने कोर्ट को सूचित किया कि भ्रष्टाचार मामले में कविता की कथित भूमिका के लिए जून के पहले सप्ताह तक उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए जाने की संभावना है. कविता की जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी ने कहा कि बीआरएस नेता के खिलाफ धन शोधन मामले में पर्याप्त सबूत हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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