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उम्मीदों का दारोमदार कमलनाथ पर, राजस्थान में गहलोत समर्थक विधायक अड़े

kamal nath

'कमलनाथ यात्रा' की तैयारी

नई दिल्ली–  कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अजय माकन और पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे की कोशिशें नाकाम होने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ राज्य में पैदा हुए राजनीतिक संकट को दूर करने के लिए कदम उठा सकते हैं.मतलब ये कि अब उम्मीदों का दारोमदार कमलनाथ पर है.राजस्थान में सियासी बवंडर मचा हुआ है. अशोक गहलोत के समर्थक विधायक सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं देखना चाहते.उन्होंने माकन के सामने 3 शर्तें रख दी थीं.लेकिन माकन ने उन्हें मानने से इंकार कर दिया.यहां तक कहा कि इन सबके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.उनके इस बयान से मामला सुलझने के बजाय और बिगड़ गया. इस बीच अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे दिल्ली पहुंच गये हैं और उन्होंने अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंप दी है.

राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट आमने-सामने हैं.दोनों के बीच छत्तीस का आंकड़ा है. पता चला है कि मुश्किल की इस घड़ी में कमलनाथ संकटमोटक बन सकते हैं. कमलनाथ को दिल्ली बुलाया गया है. कमलनाथ मध्य प्रदेश के जाने माने नेता हैं और सोनिया गांधी से उनकी नजदीकी जगजाहिर है..वह एक अनुभवी नेता हैं. फायदे की बात ये है कि कमलनाथ और अशोक गहलोत के बीच सियासी रिश्ते बेहतर हैं. माना जा रहा है कि कमलनाथ गहलोत और सचिन पायलट से बातचीत कर इस संकट के समाधान की दिशा में बेहतर प्रयास कर सकते हैं.

आपको बता दें कि अशोक गहलोत को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की पक्की संभावना है. इस बात की भी चर्चा है कि गहलोत को बड़ी जिम्मेदारी सौंपने के बाद सचिन पायलट को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. लेकिन सचिन पायलट के नाम को लेकर गहलोत समर्थक लामबंद हो गए हैं। गहलोत को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि वो चाहते हैं कि उनके जाने के बाद यहां उनका ही कोई समर्थक सीएम बने. इस रेस में सीपी जोशी का नाम भी है.

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