महाकुम्भ प्रयागराज 2025 के प्रथम अमृत स्नान पर्व पौष मास की पूर्णिमा पर आज मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत साधु-संतो, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों ने गगनभेदी जयकारों के साथ मध्य रात्रि से ही अमृत स्नान करना शुरू कर दिया, जो देर रात्रि तक जारी रहा. सायं तक 1.65 करोड़ श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान कर लिया.
वेदों व पुराणों के अनुसार पौष पूर्णिमा के दिन स्नान, दान, धर्म के कार्य करने से श्रद्धालुओं को पुण्य फल की प्राप्ति होती है. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है. इस दिन सूर्य देव के साथ चन्द्र देव की भी पूजा की जाती है. आज प्रयागराज में कड़ाके की ठंड होने के बावजूद श्रद्धालुओं / स्नानार्थियों के जोश और उत्साह में कोई कमी नहीं दिखी. उन्होंने लगातार चलते हुए पवित्र त्रिवेणी में श्रद्धा और आस्था के साथ डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त किया. पूरे महाकुम्भ मेला क्षेत्र में भक्तों का ताँता लगा रहा. देश के विभिन्न प्रान्तो से आये स्नानार्थियों, श्रद्धालुओं और विश्व के अनेक देशों से आये श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में अमृत स्नान किया. पूरे देश की विविध संस्कृतियों की झलक महाकुम्भनगर में देखने को मिल रही है.
आरक्षित रखे गये हैं अस्पतालों में 6,000 बेड
महाकुम्भ पर्व विश्वबन्धुत्व की भावना के साथ जीवन के नैतिक मूल्यों तथा आदर्शों के रक्षण हेतु निरन्तर विश्व मंगल की ओर अग्रसर है. महाकुम्भ में आने वाले स्नानार्थियों, तीर्थयात्रियों, साधु-संतो के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए मेडिकल टीम के साथ चिकित्सालयों की स्थापना की गयी है. महाकुम्भ में सरकारी/प्राइवेट अस्पतालों में 6,000 बेड आरक्षित रखे गये हैं. मेला क्षेत्र के सभी क्षेत्रों में कुल 43 चिकित्सालय बनाये गये है.
इन चिकित्सालयों में 24 घण्टे डॉक्टरो की तैनाती की गयी है, जिनमें एम०बी०बी०एस० एवं विशेषज्ञ डॉक्टर तथा पैरामेडिकल स्टाफ तैनात है. मेलें में 125 रोड एम्बुलेंस, 07 रिवर एम्बुलेंस एवं 01 एयर एम्बुलेंस लगाई गयी है. मेले में आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक चिकित्सालय भी स्थापित किये गये हैं. आज पहले अमृत स्नान के दिन मेडिकल की सभी टीमों द्वारा जनता की सेवा की गई.
साफ सफाई के लिए विशेष व्यवस्था
पूरे महाकुम्भ क्षेत्र में साफ-सफाई की खास व्यवस्था रखी गयी है. पूरे महाकुम्भ क्षेत्र को सफाई के दृष्टिकोण से 850 समूहों में 10,200 स्वच्छताकर्मी तैनात किये गये है. स्वच्छता निगरानी के लिए 1800 गंगा सेवादूत तैनात किये गये है. पूरे मेला क्षेत्र में 1,50,000 से अधिक शौचालयों का निर्माण करते हुए श्रद्धालुओं/ तीर्थयात्रियो को सुविधा दी गई है.
मेले में 25,000 लाइनर बैगयुक्त डस्टबिन तथा कूड़ा उठाने के लिए 300 सक्शन गाड़िया तैनात होकर कार्य कर रही हैं. महाकुम्भ क्षेत्र में आये श्रद्धालुओं द्वारा मेले में साफ-सफाई एवं कूड़ा प्रबन्धन को देख कर प्रदेश सरकार की भूरि-भूरि प्रशंसा की गयी है.
सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन तत्पर
महाकुम्भ में स्नानार्थियों-तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन एवं मजिस्ट्रेट अपने-अपने क्षेत्रों में मुस्तैद रहे. भारी संख्या में आये श्रद्धालुओं को हर चौराहे, मोड़, पुल एवं घाटों आदि पर तैनात पुलिस कर्मियों ने अपने विनम्र ब्यवहार से रास्ता दिखाया और श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य तक के लिए राह बताते रहे. पुलिसकर्मी बुजुर्गों, महिलाओं और ग्रामीण श्रद्धालुओ को रास्ता दिखाते हुए उन्हे विनम्रतापूर्वक आवश्यक मदद करते नजर आये. महाकुम्भ की सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत पुलिस एवं प्रशासन हर स्तर पर तत्पर रहा.
महाकुम्भ में स्नानपर्व के दौरान मण्डलायुक्त श्री विजय विश्वास पंत, मेलाधिकारी श्री विजय किरन आनंद, जिलाधिकारी प्रयागराज श्री रविन्द्र कुमार मांदड़, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महाकुम्भ श्री राजेश द्विवेदी आदि अधिकारियों ने लगातार मेले में घूमकर निरीक्षण कर सुरक्षा एवं शांति व्यवस्था बनाये रखी.
-भारत एक्सप्रेस
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