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2024-25 का खरीफ सीजन: खेती में किसानों के मुनाफे में वृद्धि, Motilal Oswal की रिपोर्ट- ये कृषि क्षेत्र में अच्छे संकेत

वर्ष 2024 में खाद्य अनाज और तिलहन-फसलों का उत्पादन क्रमशः 6% और 7% बढ़ने का अनुमान है, जो कुल क्षेत्रफल का 84% से अधिक कवर करते हैं. जानिए किसान उत्पादक संगठनों के साथ बातचीत से क्या जानकारी सामने आई हैं

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प्रतीकात्मक चित्र

देश में वर्ष 2024-25 के खरीफ सीजन में कृषि क्षेत्र के मुनाफे में मामूली वृद्धि होने का अनुमान है, जो मुख्य रूप से उत्पादन में वृद्धि और कम लागत की वजह से है. हालांकि, कुछ फसलों की कीमतों में गिरावट ने इसके फायदे को आंशिक रूप से नकारा है. Motilal Oswal Financial Services Ltd द्वारा जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि विभिन्न क्षेत्रों में किसानों की मुनाफे की स्थिति में अंतर है.

उत्तर भारत में बेहतर स्थिति, दक्षिण भारत में नुकसान

रिपोर्ट में कहा गया कि उत्तर भारत के क्षेत्रों में खेती के मुनाफे में अधिक सुधार की संभावना है, जहां इस वर्ष वर्षा में वृद्धि के कारण धान की फसल की पैदावार में वृद्धि हुई है. दूसरी ओर, दक्षिण भारत और गुजरात में भारी बारिश के कारण बाढ़ आई, जिससे फसलों का काफी नुकसान हुआ और ये क्षेत्र पिछड़े हुए हैं. उत्तर भारत के प्रमुख राज्य जैसे बिहार, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में बेहतर उत्पादन की उम्मीद जताई गई है.

उत्पादन में वृद्धि, लेकिन कीमतों में कमी

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2024 में खाद्य अनाज और तिलहन-फसलों का उत्पादन क्रमशः 6% और 7% बढ़ने का अनुमान है, जो कुल क्षेत्रफल का 84% से अधिक कवर करते हैं. हालांकि, चीनी और कपास जैसी अन्य प्रमुख फसलों का उत्पादन वर्ष दर वर्ष 3% और 8% घटने का अनुमान है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि खाद्यान्न और तेलफसलों की कीमतों में 3.2% की गिरावट आई है, जिससे उत्पादन में वृद्धि का पूरा फायदा नहीं मिल पाया है.

खेती की लागत में आई मामूली गिरावट

रिपोर्ट के अनुसार, खरीफ सीजन में खेती की लागत में 1.3% की मामूली गिरावट आई है, जिसका कारण महंगाई पर नियंत्रण और उच्च आधार प्रभाव है. इन सभी कारकों के मद्देनजर मोतीलाल ओस्वल ने अनुमान जताया है कि खरीफ सीजन 2024-25 में कृषि क्षेत्र के मुनाफे में एक हल्की वृद्धि हो सकती है.

रबी सीजन में बेहतर संभावनाएं

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि पानी के भंडारण के स्तर में वृद्धि और रबी फसलों की बुवाई में 2% की वृद्धि होने से रबी सीजन के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण बना हुआ है.

  • भारत एक्सप्रेस


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