जी-20 बैठक में शामिल होने आए मेहमानों का स्वागत
G20 Summit: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में तीन दिवसीय कार्यकारी समूह की बैठक के लिए सबसे बड़ी संख्या में जी20 प्रतिनिधियों ने पंजीकरण कराया है, हालांकि कुछ देश लॉजिस्टिक कारणों से नहीं आ रहे हैं. जी20 बैठक के एसकेआईसीसी स्थल पर पत्रकारों से बात करते हुए, पर्यटन सचिव अरविंद सिंह ने कहा कि सिंगापुर सबसे बड़ा प्रतिनिधिमंडल भेज रहा है.
जी20 के समन्वयक हर्षवर्धन श्रृंगला ने इस बैठक को लेकर कहा कि हमने अब तक 118 से अधिक बैठकें पूरी की हैं और यहां अधिकांश प्रतिनिधि श्रीनगर के ताज विवांता और ललित ग्रैंड पैलेस में रहेंगे. इस बैठक से पहले जम्मू-कश्मीर के कलाकार प्रतिनिधियों के लिए प्रस्तुति देंगे. इन प्रतिनिधियों के स्वागत के लिए तटों, पार्कों और भवनों सहित कार्यक्रम स्थल तक जाने वाली सड़कों को आकर्षक रूप प्रदान किया गया है. श्रीनगर हवाईअड्डे से एसकेआईसीसी तक सड़कों के किनारे व्यूपॉइंट, होर्डिंग्स और साइनबोर्ड लगाए गए हैं. साथ ही पौधारोपण भी किया गया है.
जी20 बैठक से पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों में उम्मीद जगी है. एक अधिकारी ने कहा कि बैठक का लक्ष्य जम्मू और कश्मीर की संस्कृति, विरासत और पर्यटन को बढ़ावा देना और पुनर्जीवित करना है. जम्मू-कश्मीर की खूबसूरती से लेकर यहां की संस्कृति से भी प्रतिनिधियों को रूबरू कराया जाएगा. टूरिज्म के नजरिए से देखें तो यह बैठक कश्मीर की तस्वीर बदलने वाली हो सकती है.
A perfect welcome to Paradise on Earth!🙏
Upon their arrival, delegates of the 3rd #TWG Meeting were met with a burst of colour, smiles & the warmth of Jammu & Kashmir. The melodious music & a lively glimpse into the culture of #Srinagar made the moment extra special!#G20India pic.twitter.com/qdQ7AYjGH8
— G20 Brasil (@g20org) May 22, 2023
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बुरी तरह चिढ़ा पाकिस्तान
दूसरी तरफ, आर्टिकल 370 हटने के बाद श्रीनगर में होने जा रहे इस आयोजन को लेकर पाकिस्तान और चीन बुरी तरह चिढ़े हुए हैं. जम्मू-कश्मीर में जी20 की बैठक का पाकिस्तान ने विरोध किया तो भारत ने दो टूक जवाब दे दिया है कि यह ( जम्मू-कश्मीर) भारत का अभिन्न अंग है और भारत जहां चाहे वहां बैठक आयोजित कर सकता है. हाल की में एससीओ में मीट में भी जम्मू-कश्मीर के मसले पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाक के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी को लताड़ा था. विदेश मंत्री ने साफ शब्दों में कह दिया था कि कश्मीर को लेकर अगर कोई बात करनी है तो पाकिस्तान यह बताए कि पीओके को वह कब खाली कर रहा है.
-भारत एक्सप्रेस