हार्दिक पटेल
Viramgam Assembly Seat: हार्दिक पटेल के लिए 2022 का विधानसभा चुनाव ये तय करेगा कि गुजरात की राजनीति में उनकी क्या भूमिका होगी. हार्दिक पटेल जब गुजरात कांग्रेस पार्टी के वर्किंग प्रेसिडेंट थे तब वे भाजपा नेताओं पर खूब जुबानी प्रहार करते थे लेकिन भाजपा में शामिल होने के बाद उन्हें टिकट दिया गया है. भाजपा ने 29 वर्षीय नेता और गुजरात में पाटीदार आरक्षण आन्दोलन के चेहरा रहे हार्दिक पटेल को अहमदाबाद के विरमगाम से अपना प्रत्याशी बनाया है. हार्दिक पटेल को यहां से टिकट मिलने के बाद इस विधानसभा सीट पर लड़ाई और भी दिलचस्प हो गई है.
क्या कांग्रेस के खिलाफ यहाँ पर विरोधी लहर है?
विरमगाम में हार्दिक पटेल की लड़ाई कांग्रेस के विधायक भारवाड़ लाखाभाई भीखाभाई से है. लखाभाई भारवाड़ ने 2017 के विधानसभा में भाजपा के प्रत्याशी तेजश्री पटेल को हराया था. पिछले दस सालों से इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्ज़ा है. यहाँ पर आज भी सडकों की हालत खराब है और स्वास्थ्य और शिक्षा की भी खास व्यवस्था नहीं है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि कहीं न कहीं कांग्रेस के खिलाफ इस विधानसभा सीट पर विरोध की लहर है, जिसे बीजेपी भुनाने की कोशिश में है.
जातीय समीकरण
इस विधानसभा क्षेत्र में ठाकोर वोटर लगभग 65000 हैं, वहीं पाटीदार समुदाय के 50000 वोटर हैं और 35000 दलित वोटर हैं. मुस्लिम समुदाय का वोट 20000 के करीब है. इस विधानसभा सीट पर कारडिया राजपूत,कोली, भारवाड़ और रबारी समुदाय के मतदाता भी मुख्य भूमिका निभाएंगे. इस विधानसभा सीट पर पाटीदारों की अच्छी तादाद होने के बावजूद भारवाड़ समुदाय से आने वाले विधायक की जीत यह बताती है कि हार्दिक पटेल के लिए इस विधानसभा पर लड़ाई इतनी आसान नहीं होने वाली है.
आम आदमी पार्टी भी चुनाव मैदान में
माना जा रहा है कि इस विधानसभा सीट पर हार्दिक पटेल को टिकट मिलने से भाजपा के तेजश्री पटेल के अलावा अन्य उम्मीदवार नेता भी खुश नहीं हैं. इस विधानसभा सीट पर तेजश्री की अच्छी पकड़ भी मानी जाती है. इस सीट पर मुख्य लड़ाई कांग्रेस और भाजपा में ही है लेकिन आम आदमी पार्टी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. आम आदमी पार्टी ने यहां पर अमरसिंह ठाकोर को अपना प्रत्याशी बनाया है और इस विधानसभा में सबसे अधिक ठाकोर समुदाय के लोग हैं.