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बाघ संरक्षण को लेकर भारत ने दुनिया के सामने पेश की मिसाल, तीन हजार से ज्यादा पहुंची टाइगर्स की संख्या

करीब पांच दशक पहले भारत में बाघों की आबादी विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई थी, लेकिन मौजूदा समय में भारत के जंगलों में 3 हजार से ज्यादा बाघों की संख्या है. जो दुनिया की कुल बाघ आबादी का करीब 70 फीसदी से अधिक है.

करीब पांच दशक पहले भारत में बाघों की आबादी विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई थी, लेकिन मौजूदा समय में भारत के जंगलों में 3 हजार से ज्यादा बाघों की संख्या है. जो दुनिया की कुल बाघ आबादी का करीब 70 फीसदी से अधिक है. बीते कुछ सालों में भारत ने ना सिर्फ बाघों को संरक्षित करने का काम किया है. बल्कि उनकी आबादी को बढ़ाने में भी सफलता हासिल की है. बाघ संरक्षण को लेकर भारत ने दुनिया के सामने मिसाल पेश की है. भारत द्वारा वर्षों से लागू किए गए विभिन्न संरक्षण कार्यक्रम जो औद्योगिक और आर्थिक विकास को बिना नुकसान पहुंचाए जैव विविधता को बनाने में सफल हुआ है.

गौरतलब है कि बीसवीं शताब्दी के आखिर तक भारत में 1 लाख से अधिक बाघों के होने का अनुमान लगाया गया था। हालांकि, बाघों के अवैध शिकार के चलते बाघों की संख्या में भारी गिरावट आ गई. भारत ने 1972 में ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ लॉन्च किया. जिसमें बाघों के संरक्षण के लिए विभिन्न दृष्टिकोण अपनाए गए. जब अन्य बाघ रेंज वाले देशों में बाघों की आबादी या तो घट रही है या बढ़ना बंद हो गई है. लाओ पीडीआर, सिंगापुर, कंबोडिया और हांगकांग पहले ही अपने बाघ खो चुके हैं. भारत के प्रयास प्रौद्योगिकी संचालित हैं. रेडियो कॉलर का इस्तेमाल जंगली बाघों की गतिविधियों और उनके व्यवहार पर नज़र रखने के लिए किया जाता है. रेडियो कॉलर ने सरकार और शोधकर्ताओं को प्रभावी तरीकों से संरक्षण गतिविधियों की योजना बनाने में मदद की.

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प्रोजेक्ट टाइगर की सफलता ने 1990 के दशक में भारत भर में एशियाई हाथियों की रक्षा के लिए प्रोजेक्ट एलिफेंट की शुरुआत की गई. आज भारत में 30 हजार से अधिक हाथी हैं, और उनमें से अधिकतर सुरक्षित क्षेत्रों में हैं, क्योंकि भारत ने अब तक 31 हाथी रिजर्व स्थापित किए हैं. इसके अलावा, भारत ने समुद्री प्रजातियों सहित छोटी और विलुप्त होने की कगार पर वन्यजीव प्रजातियों की रक्षा के लिए कई सैंक्चुरीज बनाए हैं. इसके अलावा कई बर्ड सैंक्चुरीज भी हैं. भारत में दुनिया के कुल वन क्षेत्र का सिर्फ 2 प्रतिशत है, लेकिन इसका वन्यजीव विशाल है, क्योंकि यह 91,000 पशु प्रजातियों का घर है. यह दुनिया के कुछ राजसी और लुप्तप्राय जानवरों जैसे बाघ, हाथी, गैंडे और तेंदुए का घर है. संघर्ष की कुछ घटनाओं को छोड़कर, स्थानीय वन्य जीवन और भारत की 1.4 बिलियन आबादी के बीच एक सामंजस्यपूर्ण संबंध को देखा जा सकता है.

-भारत एक्सप्रेस

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