प्रतीकात्मक तस्वीर
UP News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में नाबालिग गैंगरेप पीड़िता ने पुलिस पर गम्भीर आरोप लगाए है. पीड़िता ने कहा कि गैंगरेप के केस को पुलिस ने छेड़छाड़ का मामला बना कर रफा-दफा कर दिया है. अगर किसी तरह का शक हो तो मेरा नार्को टेस्ट करा लिया जाए. पीड़िता ने पूरे मामले में पुलिस और आरोपियों की मिलीभगत बताई है.
सूत्रों के मुताबिक, कानपुर में एक नाबालिग छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना के बाद पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. बर्रा थाना क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की अपनी सहेली के घर से किताब लेकर लौट रही थी और उसी दौरान उसको मोहल्ले के चार लड़के उठाकर ले गए और 2 दिनों तक किसी अज्ञात जगह पर गैंगरेप करते रहे. आरोपियों ने इस गैंगरेप की घटना का वीडियो भी बनाया.
नाबालिग की मां ने बर्रा थाने में 14 जनवरी की रात को ही पुलिस को गुमशुदगी की सूचना दी थी. आरोपियों को जैसे ही लड़की के घरवालों के पुलिस तक पहुंचने की खबर मिली, तो उन्होंने 16 तारीख को लड़की को सड़क पर छोड़ दिया. पुलिस ने लड़की को सड़क से बरामद किया था.
लड़की का आरोप है कि उसके कपड़े खून से सने हुए थे. उसे नहलाकर एक लड़के ने अपने कपड़े पहना दिये और उसे भेज दिया. पुलिस नाबालिग लड़की को लेकर थाने पहुंची. पीड़िता ने आरोप लगाते हुए कहा कि उसे थाने में पुलिसकर्मियों ने धमकी देते हुए कहा, ‘कह देना कि हम खिचड़ी खा रहे थे, बाकी बात किसी को मत बताना.
रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद पुलिस ने लड़की को उसकी मां को दे दिया. मां जब बेटी को लेकर घर पहुंची तो लड़की ने रो-रो कर मां को पूरी घटना बताई. इस पर पीड़िता की मां फिर लड़की को लेकर थाने पहुंची और पुलिस से रेप का केस दर्ज करने के लिए कहा. पुलिस पर आरोप है कि पीड़िता की मां की शिकायत पर पुलिस ने गुमशुदगी की जो एफआईआर पहले दर्ज की थी उसी में धारा 376 को जोड़ देती है और पीड़िता की मां से कहती है की रेप की शिकायत दर्ज हो गई है और हम कार्रवाई करेंगे.
इसके बाद पुलिस तीनों आरोपियों को गैंगरेप में नहीं बल्कि छेड़खानी के आरोप में जेल भेज देती है. लड़की और उसके घरवालों को लगा कि उसके गुनहगारों को सजा मिलेगी, लेकिन जब मामला कोर्ट पहुंचा तो वहां पुलिस की पोल खुल गई. क्योंकि जब मंगलवार को लड़की के पास अदालत से बयान देने का नोटिस आया तो उसमें उन्हें पता चला कि गैंगरेप की धारा 376 कहीं है ही नहीं, पूरा केस छेड़खानी को लेकर दर्ज किया गया है और आरोपियों को भी छेड़खानी के आरोप में ही जेल भेजा गया था.
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पीड़िता ने अपनी मां के साथ पुलिस कमिश्नर ऑफिस में इसकी शिकायत की जहां अधिकारी अब दावा कर रहे हैं कि मामले की जांच एसीपी को मिली है. जब उनसे पूछा गया कि धारा 376 आपने क्यों लिख दिया तो अधिकारी ने कहा कि लड़की ने 164 के तहत जो बयान दिए होंगे उसके आधार पर धारा बढ़ाई जाती है.
-भारत एक्सप्रेस