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Lakhimpur: 45 दिन में 4 चार बाघ और एक तेंदुए की मौत के बाद हटाए गए दुधवा नेशनल पार्क के फील्ड डायरेक्टर, 10 अन्य के खिलाफ भी एक्शन

Dudhwa National Park: शासन स्तर पर डीएफओ बफर जोन सुन्दरेशा के साथ ही तीन रेंजर, के साथ ही 4 वन दारोगा और 2 डिप्टी रेंजर को भी हटा दिया गया है.

मृत बाघ (ऊपर), फील्ड डायरेक्टर बी प्रभाकर और सुन्दरेशा (नीचे)

अवध किशोर जायसवाल

Dudhwa National Park: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में स्थित दुधवा नेशनल पार्क (Dudhwa National Park) में 45 दिनों में 4 बाघों व एक तेंदुए की मौत होने पर बड़ी कार्रवाई हुई है. फील्ड डायरेक्टर दुधवा टाईगर रिजर्व बी प्रभाकर को हटा दिया गया है और उनको पुनः बायो डायवर्सिटी में भेज दिया गया है. वहीं डीएफओ बफर जोन/साउथ खीरी सुन्दरेशा को भी हटाकर एटा भेज दिया गया है. इसी के साथ तीन रेंजर मैलानी बफर, मैलानी कोर, उत्तर निघासन जिला मुख्यालय लखीमपुर में अटैच किये गए हैं साथ ही 4 वन दारोगा और 2 डिप्टी रेंजर लखीमपुर जिला मुख्यालय में अटैच किए गए हैं.

लखीमपुर खीरी में स्थित दुधवा नेशनल पार्क यूपी आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है. दुधवा टाइगर रिजर्व को बाघों का स्वर्ग कहा जाता था. देश के अन्य टाइगर रिजर्व से कहीं ज्यादा बाघों का कुनबा बढ़ने की संभावनाएं यहां देखी गई और बाघों का कुनबा बढ़ा भी, लेकिन 45 से 50 दिनों में लगातार चार बाघों और एक तेंदुए की मौत ने न केवल पर्यटकों बल्कि यूपी सरकार को भी हिला दिया है.

सबसे बड़ी बात तो ये है कि जिन बाघों की मौत हुई, उनमें से कुछ तो शिकार करने में अक्षम भी पाए गए. इससे पार्क को लेकर लोगों की चिंता और बढ़ गई और यही वजह रही कि सीएम योगी ने खुद ही इस मामले को संज्ञान में लेते हुए वन एवं पर्यावरण मंत्री अरुण कुमार सक्सेना को इस मामले में पूरी जांच करने की जिम्मेदारी भी सौंपी थी. उन्होंने तमाम अधिकारियों के साथ पार्क पहुंचकर मौके का जायजा भी लिया था.

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हर बाघ की मौत के बाद दुधवा प्रशासन ने अलग-अलग वजह बताई है. अभी तक सभी बाघों की विस्तृत पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी नहीं आई है. फिलहाल सवाल ये खड़ा होता है कि, जंगल के अंदर चप्पे-चप्पे पर कर्मचारियों की नजर रखने का दावा किया जाता है. गश्ती दल भी निगरानी रखता है. वहीं बीते शुक्रवार को मैलानी रेंज में जिस बाघ का शव मिला है, उसे भी कई दिन पुराना बताया जा रहा है. ऐसे में सवाल ये उठता है है कि गश्ती दल को इतने समय तक इसकी जानकारी क्यों नहीं हुई? बाघ का शव मिलने के बाद टीम पहुंची और आसपास पड़ताल की.

दुधवा के निदेशक बी प्रभाकर ने उस वक्त दावा किया था कि, बाघ के शव के पास कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है. उसके सभी अंग सुरक्षित हैं. नाखून, दांत सब पाए गए हैं. उन्होंने ये भी कहा था कि मौत का असली कारण आईवीआरआई से पता चलेगा.

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