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दिवाली से पहले मनीष सिसोदिया को कोर्ट से राहत, बीमार पत्नी से घर जाकर कर सकेंगे मुलाकात, लेकिन ये है शर्त

दिल्ली शराब घोटाला मामले में जेल में बंद पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. 10 नवंबर को मामले की सुनवाई करते हुए शनिवार (11 नवंबर) को सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक घर जाने की इजाजत दी है. इस दौरान मनीष सिसोदिया अपनी बीमार पत्नी से मुलाकात कर सकेंगे. कोर्ट ने उनकी अर्जी को मंजूर करते हुए निर्देश दिए हैं कि मनीष सिसोदिया इस दौरान कोई भी राजनीतिक बैठक नहीं करेंगे. इसके अलावा सियासी बयान भी नहीं देंगे.

CBI और ED ने किया विरोध

शुक्रवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई और ईडी के तमाम विरोधों के बाद भी मनीष सिसोदिया को बीमार पत्नी से मिलने की इजाजत दी थी. सिसोदिया ने हिरासत में रहते हुए अपनी बीमार पत्नी से मिलने के लिए 5 दिनों की अनुमति के लिए कोर्ट में अर्जी डाली थी. आवेदन के अनुसार 25 अप्रैल को उनकी पत्नी को मल्टीपल क्लेरोसिस का बड़ा अटैक पड़ा था. इसके साथ ही हाल ही में उन्हें मनोवैज्ञानिक समस्याओं का भी पता चला है.

20 सालों से बीमार हैं सिसोदिया की पत्नी

कोर्ट ने आवेदन पर सुनवाई करते हुए कहा कि ये पहले से ही रिकॉर्ड में है कि उनकी पत्नी मल्टीपल स्केलेरोसिस जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. इसके साथ ही उनकी बीमारी को लेकर ये भी कहा गया है कि वे इस बीमारी से पिछले 20 सालों से जूझ रही हैं. ऐसे में मनीष सिसोदिया को 5 दिनों की जगह पर 2-2 दिनों की परमिशन दी जा सकती है.

कोर्ट के निर्देशों का सीबीआई ने दिया हवाला

दूसरी तरफ CBI ने इस अनुमति का विरोध करते हुए कहा कि ये आवेदन सुप्रीम कोर्ट की ओर से आरोपी की नियमित जमानत याचिका को खारिज करने के आदेश में दिए गए निर्देशों के हिसाब से नहीं है. सीबीआई की तरफ से मामले की पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि मनीष सिसोदिया की नियमित जमानत अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. जिसमें कोर्ट ने कहा था कि आरोपी को अदालत के सामने घर जाने, पत्नी से मिलने जैसी अर्जी देने की अनुमति नहीं दी थी.

यह भी पढ़ें- Delhi News: दिवाली के मौके पर आबकारी विभाग की बल्ले-बल्ले, दिल्ली में शराब बिक्री में हुई जबरदस्त बढ़ोतरी

सीबीआई के साथ ही ईडी ने भी इस अनुमति का विरोध किया. ईडी ने कहा कि उनकी रेग्यूलर जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी. उन्हें कोर्ट से ऐसे आवेदन दायर करने की कोई स्वतंत्रता नहीं दी गई थी.

-भारत एक्सप्रेस

Shailendra Verma

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