दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कथित आरोपीऔर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. हाई कोर्ट में दायर याचिका में अरविंद केजरीवाल ने निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की है. साथ ही केजरीवाल ने उनके खिलाफ दायर ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है.
केजरीवाल ने याचिका में कहा है कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के सक्षम ऑथोरिटी से आवश्यक मंजूरी ईडी की ओर से नही ली गई है. लिहाजा ट्रायल कोर्ट का चार्जशीट पर संज्ञान लेने का आदेश गलत है.
केजरीवाल ने कहा है कि निचली अदालत के न्यायाधीश ने अपने आदेश में PMLA की धारा 3 के तहत अपराध का संज्ञान लेने में गलती की है. कोर्ट केजरीवाल की याचिका पर 21 नवंबर को सुनवाई करेगा. केजरीवाल का यह भी कहना है कि अभियोजन के लिए CRPC की धारा 197(1) के तहत पूर्व मंजूरी प्राप्त करना आवश्यक है. लेकिन उनके मामले में ईडी ने ऐसा नही किया है. जबकि केजरीवाल कथित अपराध के समय एक लोक सेवक (मुख्यमंत्री) थे.
12 जुलाई 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी. लेकिन सीबीआई के मामले के चलते वो जेल से बाहर नही आ पाए थे. 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट से उन्हें सीबीआई के मामले में भी जमानत मिल गई और वो जेल से बाहर आ गए. ईडी ने 21 मार्च 2024 को मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए केजरीवाल को गिरफ्तार किया था. ईडी का आरोप है कि आबकारी नीति को जानबूझकर आप नेताओं को लाभ पहुचाने और कार्टेल गठन को बढ़ावा देने के लिए आप नेताओ को छूट, लाइसेंस शुल्क माफी के बदले शराब कारोबारियों से रिश्वत लेने का आरोप लगाया है. रिश्वत का पैसा को गोवा चुनाव में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था.
–भारत एक्सप्रेस
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