मुख्तार अंसारी (फोटो फाइल)
Mukhtar Ansari Death: बांदा जेल में बंद मऊ से पूर्व विधायक व बाहुबली मुख्तार अंसारी की मौत होने के बाद से ही कई तरह की बातें सामने आ रही हैं. हालांकि चिकित्सकों ने मुख्तार की मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट को बताया है लेकिन परिजन इसे स्वाभाविक मौत नहीं मान रहे हैं और लगातार इसे हत्या बता रहे हैं. वहीं सूत्रों से खबर सामने आ रही है कि मुख्तार को पेट की कोई समस्या थी. बताया जा रहा है कि जब भी कोई डॉक्टर उनको देखने के लिए जेल जाता था तो वह अपने दोनों हाथ पेट पर रखकर शिकायती लहजे में कहते थे, “इसका कुछ करो डॉक्टर साहब, यह पेट तो लगता है कि जान ही लेकर छोड़ेगा.”
मालूम हो कि कल ही मुख्तार को सुबह 10.40 पर सुपुर्दे खाक किया गया है. वह लम्बे वक्त से जेल में बंद चल रहे थे. मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर उनके भाई व सांसद अफ़ज़ाल अंसारी ने मीडिया के सामने दावा किया है कि “जिस तरह से मुख्तार अंसारी को मारकर रास्ते से हटाया गया, समय आने पर हम इस बात का पुख्ता सबूत देंगे कि उन्हें जहर देकर मारा गया.” बता दें कि मरने से पहले कई बार मुख्तार अंसारी ने धीमा जहर देने की भी शिकायत की थी. तो वहीं अफजाल ने भी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक दूर्दांत अपराधी को बचाने के लिए पूरी सरकार और उसकी मशीनरी ने बहुत बड़ी साजिश रची है, उन्हें शर्म नहीं आती. अफजाल ने ये भी कहा कि 26 मार्च को मुख्तार अंसारी को बांदा जेल से मेडिकल कॉलेज भेजा गया था. अधीक्षक ने कहा कि इसलिए भेजा गया क्योंकि डॉक्टरों ने सुझाव दिया था. सुबह 3 बजे हमें मैसेज मिला कि मुख्तार अंसारी की हालत गंभीर है. सांसद ने दावा किया कि जब हम अस्पताल पहुंचे तो बड़ी मुश्किल से सिर्फ 5 मिनट के लिए मिलने दिया गया. 5 मिनट की मुलाकात के दौरान मुख्तार अंसारी ने कहा कि उन्हें जहर दिया गया था और इस वजह से वे बेहोश हो गए थे. उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत दर्द हो रहा था. अफजाल ने ये भी कहा है कि वे बेहोश हो गए थे और उसी हालत में उन्हें अस्पताल ले जाया गया.
बेटे ने फेरा था मूंछों पर ताव
बता दें कि मुख्तार अंसारी मूंछों पर ताव फेरने के लिए मशहूर थे. इसलिए जब सुपुर्दे खाक के लिए जनाजा फाटक से उठने लगा तो बेटे उमर ने मुख्तार अंसारी की मूंछों पर आखिरी बार ताव दिया. इस पल को देखकर वहां उपस्थित हजारों की भीड़ की आंखें डबडबा आई थीं. उमर अंसारी बांदा से अपने पिता के शव को लेकर शुक्रवार रात 1.15 मिनट पर गाजीपुर के मुहम्मदाबाद स्थित पैतृक घर ‘फाटक’ पहुंचे थे. 9 घंटे शव घर पर रहा औऱ पूरी रात से लेकर सुबह तक परिवार, करीबियों के आखिरी बार चेहरा देखने के लिए लाइन लगी रही. इसके बाद कालीबाग स्थित कब्रिस्तान में करीब 24 घंटे पहले खोदकर तैयार की गई 7.6 फुट लंबी और पांच फुट गहरी और चौड़ी कब्र में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया था.