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मोदी सरकार में नारी शक्ति को मिली नई उड़ान, नौ सालों में दर्ज हुईं कई उपलब्धियां

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र की एनडीए सरकार ने नौ साल पूरे कर लिए हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र की एनडीए सरकार ने नौ साल पूरे कर लिए हैं. नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. अब नौ साल पूरे होने पर बीजेपी पूरे देश में कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है. जिसके जरिए मोदी सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाया जा रहा है. इसी कड़ी में सरकार की तरफ से एक किताब भी जारी की गई है. जिसमें महिला सशक्तिकरण को लेकर किए गए मोदी सरकार के कार्यों के साथ ही महिलाओं के लिए शुरू की गई योजनाओं के बारे में बताया गया है. साथ ही ये भी बताया गया है कि मोदी सरकार ने बीते नौ सालों में महिलाओं के जीवन में कैसे बदलाव लाने की कोशिश की.

केंद्र सरकार की किताब ‘ 9 वर्ष सेवा, सुशासन, गरीब कल्याण’ में महिलाओं के लिए शुरू की गई योजनाओं जैसे- उज्ज्वला योजना, मिशन पोषण, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के साथ ही महिला सशक्तिकरण को लेकर कई योजनाओं का जिक्र किया गया है. जिससे महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव हुए हैं. किताब में बताया गया है कि मोदी सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत महिलाओं को सम्मान भरा जीवन देने के लिए एलपीजी सिलेंडरों का वितरण किया. जिससे महिलाओं को धुआं मुक्त रसोई देकर बीमारियों से बचाया जा सके. इसके अलावा मुद्रा योजना के तहत 68 प्रतिशत महिलाओं को लोन दिया गया है. करीब सवा तीन करोड़ खाते सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खोले गए और पीएम मातृ वंदना योजना में तीन करोड़ से ज्यादा महिलाओं को भुगतान किया गया.

पिछले नौ सालों में मोदी सरकार ने पोषण सामग्री और वितरण में एक रणनीतिक बदलाव के जरिए बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और माताओं को कुपोषण की बीमारियों से बचाने के लिए एकीकृत पोषण सहायता कार्यक्रम मिशन पोषण लॉन्च किया है. इसके अलावा किताब में बताया गया है कि मोदी सरकार ने ढाई करोड़ पीएम आवास वितरित किए हैं. जिनमें करीब 69 फीसदी महिला लाभार्थी हैं. 27 करोड़ से ज्यादा सेनेटरी पैड एक रुपये की कीमत में दिए गए हैं. जिन्हें प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों के जरिए वितरित किया गया है. पीएम सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत 3.94 करोड़ मुफ्त प्रसव से पहले की जांच कराई गई. इन योजनाओं से महिला सशक्तिकरण के साथ ही एनएफएचएस-4 में लिंग अनुपात को 991 से बढ़ाकर एनएफएचएस-5 में 1020 किया गया है. इसके अलावा 2018 से लेकर 2020 के दौरान मातृ मृत्यु दर घटकर 97 हो गई है.

-भारत एक्सप्रेस

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