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UP News: भीषण गर्मी के बीच यूपी के उपभोक्ताओं को बड़ी राहत, अब महंगी नहीं होगी बिजली, पावर टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव खारिज

विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी वाले यूपीपीसीएल के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है जिसमें 18 से 23 प्रतिशत तक बिजली दरें बढ़ाने की बात कही गई थी.

फोटो-सोशल मीडिया

UP News: बिजली बिल को लेकर यूपी के लोगों के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आ रही है. अब यूपी में बिजली महंगी नहीं होगी. विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी वाले यूपीपीसीएल (उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड) के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है जिसमें 18 से 23 प्रतिशत तक बिजली दरें बढ़ाने की बात कही गई थी. फिलहाल यूपीपीसीएल के इस प्रस्ताव पर रोक लगा दी गई है. वहीं बिजली कर्मचारियों के लिए जरूर एक बड़े झटके वाली खबर सामने आई है. क्योंकि अब इनको भी अपने घरों में अनिवार्य रूप से मीटर लगाना होगा और जो बिल आएगा उसका भुगतान करना होगा.

ग्रेटर नोएडा के लोगों के लिए राहत की खबर ये है कि विद्युत नियामक आयोग ने ग्रेटर नोएडा में बिजली की दरों में 10 प्रतिशत की कटौती करने के आदेश जारी किए हैं. यानी साफ है कि यहां के बिजली ग्राहकों को 10 प्रतिशत सस्ती बिजली मिलेगी.

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सुनी गई थी शिकायतें

बता दें कि विद्युत नियामक आयोग ने बिजली दरों में बढ़ोत्तरी को लेकर कई जगहों पर बैठकें की थी और ग्राहकों की शिकायतें सुनीं व उस पर गौर किया था. इसी के बाद नोएडा के लोगों के साथ ही पूरे प्रदेश को बिजली दरों में राहत दी गई.

आयोग ने तय किया ट्रांसमिशन टैरिफ

रिपोर्ट्स के मुताबिक बिजली कर्मचारियों का जो एलएमवी-10 था, उसे टैरिफ शेड्यूल से बाहर कर दिया गया है. इसी के साथ आयोग ने ट्रांसमिशन टैरिफ 26 पैसे प्रति यूनिट तय किया है.

अगले 10 साल तक नहीं हो सकती है बिजली दरों में बढ़ोत्तरी

वहीं उपभोक्ता परिषद ने मीडिया को जानकारी दी कि जब तक बिजली कम्पनियों पर बिजली ग्राहकों का बकाया बना रहेगा, तब तक उत्तर प्रदेश में बिजली दरें नहीं बढ़ाई जाएंगी. फिलहाल अब कुल सरप्लस बढ़कर 33121 करोड़ रुपए हो गया है. उपभोक्ता परिषद ने बताया कि इस तरह अगर देखा जाए तो आने वाले 10 सालों तक बिजली दरों में किसी भी तरह की बढ़ोत्तरी नहीं की जा सकती है. परिषद ने आगे बताया कि, बिजली चोरी का खामियाजा यूपी के बिजली ग्राहकों पर न पड़े इसीलिए नुकसान का आकलन बिजनेस प्लान के तहत किया गया है. परिषद ने आगे कहा कि आयोग की ओर से 15,200 करोड़ सब्सिडी को मानकर जो टैरिफ का निर्धारण स्लैब वाइज किया गया है, उससे बिजली कम्पनियों को करीब 85, 105.59 करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा.

-भारत एक्सप्रेस

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