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अब्दुल नजीर की नियुक्ति पर अरुण जेटली के किस बयान का हवाला देकर कांग्रेस साध रही सरकार पर निशाना, जानें क्या है संविधान में प्रावधान

S abdul Nazeer: रिटायर्ड जज एस अब्दुल नजीर को गवर्नर बनाए जाने के बाद मचे विवाद के बीच ये जानना जरूरी है कि ऐसी नियुक्तियों के संदर्भ में संविधान में क्या प्रावधान हैं.

abdul nazeer

एससी के रिटायर्ड जज अब्दुल नजीर और बीजेपी के दिवंगत नेता अरुण जेटली

S Abdul Nazeer:  सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज एस अब्दुल नजीर को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किये जाने का मामला गरमाया हुआ है. इस मुद्दे पर को लेकर कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के दिवंगत नेता अरूण जेटली की टिप्पणियों का जिक्र किया और ऐसे कदम को न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए एक ‘‘गंभीर खतरा’’ करार दिया.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के दिवंगत नेता अरूण जेटली का एक वीडियो अटैच किया. इस वीडियो में भाजपा के दिवंगत नेता को 2012 में यह कहते सुना जा सकता है, ‘‘सेवानिवृत्ति से पूर्व के फैसले सेवानिवृत्ति के बाद पद पाने की आकांक्षा से प्रभावित होते हैं.’’ जयराम रमेश ने कहा, ‘‘इस बारे में पर्याप्त सबूत पिछले तीन-चार वर्षों में निश्चित रूप से मिला है.’’

कांग्रेस ने दिया जेटली के बयान का हवाला

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘‘आपके (भाजपा के) एक कद्दावर (दिवंगत) नेता, अरूण जेटली ने पांच सितंबर 2013 को संसद में और कई बार इसके बाहर भी कहा था कि सेवानिवृत्ति के बाद पद पाने की आकांक्षा सेवानिवृत्ति से पूर्व के फैसलों को प्रभावित करती हैं. यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए खतरा है.’’

उन्होंने जेटली की टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा, ‘‘हम व्यक्तियों या निजी व्यक्ति के बारे में बात नहीं कर रहे हैं. व्यक्तिगत रूप से मैं इनका (अब्दुल नजीर) काफी सम्मान करता हूं. मैं उन्हें जानता हूं, यह उनके बारे में कहीं से नहीं है. लेकिन सिद्धांत के तौर पर हम इसका विरोध कर रहे हैं. सिद्धांत के तौर पर हमारा मानना है कि यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता को एक गंभीर खतरा है….’’

कांग्रेस के इन आरोपों पर बीजेपी ने भी पलटवार किया और कहा कि पहले भी ऐसी नियुक्तियों के उदाहरण देखने को मिले हैं और संविधान में इस पर पाबंदी नहीं है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज अब्दुल नजीर राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में 2019 में ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाली उच्चतम न्यायालय के पांच जजों की बेंच का हिस्सा रहे थे. इसके अलावा वह ‘तीन तलाक’ और ‘निजता के अधिकार’ को मूल अधिकार घोषित करने सहित कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाने वाली पीठ में शामिल रहे थे.

क्या कहता है संविधान का नियम

रिटायर्ड जज एस अब्दुल नजीर को गवर्नर बनाए जाने के बाद मचे विवाद के बीच ये जानना जरूरी है कि ऐसी नियुक्तियों के संदर्भ में संविधान में क्या प्रावधान हैं. राज्यपाल किसे नियुक्त किया जा सकता है और उनके पास क्या शक्तियां होती हैं… इसको लेकर संविधान के आर्टिकल 157 और 158 में बताया गया है. जो व्यक्ति भारत के नागरिक हों, उनकी उम्र 35 साल से अधिक हो, संसद के किसी सदन के सदस्य न हों और किसी लाभ के पद पर न हों… ऐसे शख्स को राज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है.

-भारत एक्सप्रेस

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