
Operation Sindoor: 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) के तहत पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया. इस कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने गुरुवार रात नियंत्रण रेखा (एलओसी) और सीमावर्ती क्षेत्रों में मिसाइलों, ड्रोनों और अन्य हथियारों से हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने सभी हवाई हमलों को पूरी तरह नाकाम कर दिया. पाकिस्तान की एक भी मिसाइल भारतीय क्षेत्र में नहीं पहुंची.
सटीक हमलों का जवाब: ऑपरेशन सिंदूर
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए भारतीय सशस्त्र बलों ने सीमा पार आतंकी ठिकानों पर सटीक और लक्षित हमले किए, जिन्हें कुशलतापूर्वक नष्ट किया गया. इस ऑपरेशन ने दुनिया को दिखाया कि भारत न केवल अपने आसमान को सुरक्षित रख सकता है, बल्कि दुश्मन के हवाई क्षेत्र में घुसकर सटीक जवाबी कार्रवाई करने की भी क्षमता रखता है.
मोदी सरकार का योगदान: मजबूत रक्षा तंत्र
भारत की वायु रक्षा प्रणालियों में सुधार का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को जाता है, जिसने पिछले 11 वर्षों में रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए व्यवस्थित कदम उठाए. घटते युद्ध भंडार को खत्म कर आधुनिक, विश्वस्तरीय हथियारों को शामिल किया गया. रूसी एस-400 मिसाइल सिस्टम और राफेल जेट्स ने पाकिस्तान के हवाई हमलों को नाकाम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. ये दोनों रक्षा प्रणालियां एनडीए सरकार के कार्यकाल में भारत का हिस्सा बनीं.
अभेद्य वायु रक्षा: तकनीकी श्रेष्ठता
भारत की वायु रक्षा प्रणालियों में मानवरहित हवाई प्रणाली (यूएएस) ग्रिड, ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम, बराक-8 मिसाइल, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और डीआरडीओ की ड्रोन-रोधी तकनीक शामिल हैं. इनके संयुक्त प्रयासों ने एक अभेद्य हवाई कवच बनाया, जिसने पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर हमले के सभी प्रयासों को विफल कर दिया.
पाकिस्तान की रक्षा प्रणाली ध्वस्त
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय सेना ने लाहौर में चीन निर्मित एचक्यू-9 वायु रक्षा प्रणाली को नष्ट कर दिया और प्रमुख रडार ढांचे को भी क्षतिग्रस्त किया. यह कार्रवाई भारत की रणनीतिक ताकत और तकनीकी श्रेष्ठता का प्रतीक है.
रक्षा अधिग्रहण: भारत की ताकत
- 2014 से मोदी सरकार ने भारत की वायु रक्षा को उन्नत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए:
- 2018: 35,000 करोड़ रुपये में पांच एस-400 ट्रायम्फ स्क्वाड्रन का सौदा, जिनमें से तीन अब चीन और पाकिस्तान सीमाओं पर तैनात हैं.
- 2017: इजरायल के साथ 2.5 बिलियन डॉलर में बराक-8 मिसाइल सिस्टम, जो बठिंडा जैसे अग्रिम ठिकानों की सुरक्षा कर रहा है.
- स्वदेशी तकनीक: आकाश मिसाइल बैटरी और डीआरडीओ की ड्रोन-रोधी प्रणालियां.
- 2024: मैन पोर्टेबल काउंटर ड्रोन सिस्टम (एमपीसीडीएस) की तैनाती.
- 2021: आत्मघाती ड्रोनों का ऑर्डर, जो अब भारत में निर्मित हो रहे हैं.
हारोप ड्रोन्स और राफेल की ताकत
इजरायली मूल के हारोप ड्रोन्स, जो अब भारत में निर्मित हैं, ने कराची और लाहौर में वायु रक्षा परिसंपत्तियों को नष्ट किया. राफेल जेट्स, स्कैल्प और हैमर मिसाइलों से लैस, ने सर्जिकल सटीकता के साथ हमले किए, जिसने भारत की शक्ति प्रक्षेपण क्षमता को प्रदर्शित किया.
विश्व को संदेश
‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) ने स्पष्ट कर दिया कि भारत न केवल अपने आसमान की रक्षा करने में सक्षम है, बल्कि अब वह उस पर पूर्ण नियंत्रण भी रखता है. यह ऑपरेशन भारत की सैन्य ताकत, तकनीकी उन्नति और रणनीतिक दृष्टिकोण का प्रतीक है, जिसने दुश्मनों को हक्का-बक्का कर दिया है.
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-भारत एक्सप्रेस
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