
नई दिल्ली, 7 मई 2025: विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने आज मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में पाकिस्तान का सीधा हाथ सामने आया है. इस हमले में 25 भारतीय नागरिक और 1 नेपाली नागरिक की निर्मम हत्या कर दी गई थी. आतंकियों ने पर्यटकों को उनके परिवार के सामने सिर में गोली मारकर मौत के घाट उतारा, जिससे परिवारों में गहरा आघात पहुंचाया गया.
TRF नामक संगठन ने ली हमले की जिम्मेदारी
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “एक समूह, जिसने खुद को ‘दि रेसिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) बताया है, ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. यह समूह, संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही एक मुखौटा है. पहलगाम आतंकी हमले की जांच के दौरान आतंकवादियों के पाकिस्तान में मौजूद नेटवर्क और वहां से होने वाले संचार के साक्ष्य सामने आए हैं.”
पिछले वर्ष सवा दो करोड़ से अधिक पर्यटक आए थे जम्मू-कश्मीर
विदेश सचिव ने कहा कि पिछले वर्ष सवा दो करोड़ से अधिक पर्यटक जम्मू-कश्मीर आए थे, और यह हमला प्रदेश में बढ़ते पर्यटन, विकास और सामान्य स्थिति को नुकसान पहुंचाने के मकसद से किया गया था. पाकिस्तान का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को फिर से अशांत करना और भारत के भीतर सांप्रदायिक तनाव फैलाना था.
भारत सरकार ने स्पष्ट किया कि इस बर्बर हमले के अपराधियों और उनके योजनाकारों को न्याय के कठघरे में लाना अत्यंत आवश्यक था. हालांकि पाकिस्तान ने न केवल इसपर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, बल्कि उलटे भारत पर आरोप लगाने की कोशिश की.
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विदेश सचिव ने याद दिलाया कि पाकिस्तान का इतिहास आतंकवादियों को शरण देने और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने का रहा है. उदाहरण के तौर पर, पाकिस्तान ने 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड साजिद मीर को मृत घोषित कर दिया था, जबकि बाद में वह जीवित पाया गया.
खुफिया एजेंसियों ने यह भी संकेत दिए कि भविष्य में भारत में और हमलों की योजना बनाई जा रही थी. इसे रोकने के लिए भारत ने सीमा पार स्थित आतंकी ठिकानों के खिलाफ एक सटीक और जिम्मेदारीपूर्ण कार्रवाई की.
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय थल सेना, वायु सेना और नौसेना ने मिलकर पाकिस्तान और POK में 9 से अधिक आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर नष्ट कर दिया. यह कार्रवाई भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा रही और इसमें आम नागरिकों को किसी भी तरह की क्षति न पहुँचाने का विशेष ध्यान रखा गया.
भारत ने एक बार फिर दुनिया को यह स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवाद और उसके समर्थकों के खिलाफ हर संभव कदम उठाएगा — चाहे वह कहीं भी छिपे हों.
-भारत एक्सप्रेस
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