पद्मा लक्ष्मी
Kerala: पद्मा लक्ष्मी (Padma Lakshmi) के रूप में केरल को पहली ट्रांसजेंडर वकील मिली हैं. उन्हें राज्य के बार काउंसिल में बतौर ऐडवोकेट इनरोल किया गया है. इस कामयाबी पर राज्य के मंत्री से लेकर देश और दुनिया के तमाम लोग सराहना और शुभकामनाएं दे रहे हैं. लेकिन, बतौर ट्रांसजेंडर यह उपलब्धि किसी पाथब्रेकिंग से कम नहीं है. सोशल मीडिया पर इस कामयाबी के लिए पद्मा लक्ष्मी को ढेरों शुभकामनाएं मिल रही हैं.
मंजिल अभी और भी है
पद्मा लक्ष्मी उन 1,529 लोगों में शामिल हैं. जिन्हें बार इनरोलमेंट सर्टिफिकेट दिया गया है. पद्मा ने एर्नाकुलम गर्वर्नमेंट लॉ कॉलेज (Ernakulam Government Law College) से अपनी वकालत (LLB) की पढ़ाई पूरी की है. इसके पहले उन्होंने फिजिक्स (Physics) में अपना स्नातक किया है. तमाम गतिरोधों के बावजूद पद्मा का लक्ष्य जूडिशल सर्विस एक्जाम पास करना है.
कानूनी इतिहास में दर्ज किया अपना नाम
पद्मा लक्ष्मी की इस कामयाबी पर केरल सरकार ने खुशी जाहिर की है. केरल के उद्योग और कानून मंत्री पी राजीव ने सोशल मीडिया पर उन्हें शुभकामना दी. उन्होंने लिखा, “पद्मा लक्ष्मी को शुभकामना जिन्होंने अपनी जिंदगी में तमाम कठिनाइयों को पार किया और केरल में पहले ट्रांसजेंडर वकील के तौर पर दाखिला लिया. पहला बनना अभी भी ऐतिहासिक तौर पर कठिन उपलब्धि है. राह में कई रुकावटें आई होंगीं. चुप करने और पीछे धकेलने के लिए लोग रहे होंगे. इन सबसे जूझते हुए पद्मा लक्ष्मी ने कानूनी इतिहास में अपना नाम दर्ज किया है.”
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बदल रही है सोच
बीते कुछ दिनों में भारत के सिस्टम में ट्रांसजेंडर्स को लेकर सोच में काफी तब्दीली देखने को मिली है. यहां तक कि गृह मंत्रालय ने पैरामिलिट्री फोर्स में भी ट्रांसजेंडरों की एक हद तक भर्ती करने का मसौदा रखा है. जानकार लोगों से इस पर राय मांगी गई है. हालांकि, देश और समाज का मिजाज पहले से काफी संवेदनशील हुआ है. जहां पर ट्रांसजेंडर को लेकर सोच में बदलाव देखने को मिला है. यही वजह है कि आज पद्मा लक्ष्मी जैसे ट्रांसजेंडर समाज में स्थापित रुढ़ियों और स्टीरियोटाइप सोच को ध्वस्त कर रहे हैं.