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Pariksha Pe Charcha 2025 : विक्रांत मैसी ने बच्चों को दिया ‘क्रिएटिविटी विद पॉजिटिविटी’ का मंत्र

विक्रांत ने बच्चों संग पावर ऑफ विजुअलाइजेशन भी किया. उन्होंने बच्चों से कहा, “एक लड़का रहता है जो साइकिल से चलता है.

Pariksha Pe Charcha

फिल्म अभिनेता विक्रांत मैसी.

Pariksha Pe Charcha: ‘परीक्षा पे चर्चा’ के 6वें एपिसोड में अभिनेता विक्रांत मैसी शामिल हुए. एक्टर ने मिशन क्रिएटिविटी विद पॉजिटिविटी या अपने काम के साथ पॉजिटिव कैसे रहें, इस पर चर्चा की. इसके साथ ही उन्होंने बच्चों को पावर टूल जर्नलिंग, पावर ऑफ विजुअलाइजेशन का मंत्र भी दिया. ये भी कहा कि अपनी कोशिशों को नजरअंदाज न करें उन्हें पूरा सम्मान दें.

मैसी ने छात्रोंको दिए मंत्र

बच्चों संग बातचीत के दौरान अभिनेता विक्रांत मैसी ने कहा, “बच्चों, आप सब बहुत लकी हो कि आज आपके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘परीक्षा पे चर्चा’ है. हमारे समय में इतनी सुविधा नहीं थी. हमारे बचपन में कर्फ्यू जैसा माहौल होता था परीक्षा के दौरान. हम पूरे साल खेल खेलते थे, मगर परीक्षा में खेल का सवाल ही नहीं उठता था. हमारे समय में केवल टीवी हुआ करता था और केबल भी काट दिया जाता था.

बच्चों पर दबाव न बनाने की सलाह

आज के समय में प्ले टाइम मोबाइल से जुड़ गया है और हमारे समय में ये मैदान से जुड़ा रहता था. बच्चों, पीएम मोदी भी कहते हैं कि जो प्रेजेंट है, वो आज के समय में सबसे खास प्रेजेंट है. विक्रांत ने पेरेंट्स के लिए कहा, “बच्चों पर अनजाने में दबाव न बनाएं. उनकी स्किल्स को पहचानें, नंबरों के पीछे ना भागें. नजरें नीचे और सोच ऊपर रखें.”

विक्रांत ने बच्चों संग पावर ऑफ विजुअलाइजेशन भी किया. उन्होंने बच्चों से कहा, “एक लड़का रहता है जो साइकिल से चलता है. एक समय पर उसे कोई पहचान वाला मिलता है और फिर वह रुकता है, नमस्कार करता है, फिर आगे बढ़ जाता है. कहानी सुनाने के बाद विक्रांत ने बच्चों से पूछा, ‘आप लोग बताइए कि आपने किस रंग की शर्ट देखी.’ सब ने अलग-अलग रंग की शर्ट देखी होगी और पढ़ाई या किताबों के साथ भी ऐसा ही होता है. एक ही किताब आप सब पढ़ेंगे, मगर विजुअलाइज अलग-अलग तरह से करेंगे.”

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विक्रांत ने पावर टूल जर्नलिंग के बारे में भी बच्चों को बताया. उन्होंने कहा, “आपको कुछ नहीं करना है, बस आपको दिन में 10 मिनट या हफ्ते में 40 मिनट निकालने हैं और आपको उन चीजों के बारे में सोचना है और उसे लिखना है, जो आप लाइफ में अचीव करना चाहते हैं. आप अपनी खुशियां, निराशा और लक्ष्य पर लिखें. आपने दिन भर क्या किया, उसके लिए यदि आप लिखने लगते हैं, तो ये भी एक तरह का मेनिफेस्टेशन है.”

-भारत एक्सप्रेस



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