पीएम नरेंद्र मोदी (फोटो-ट्विटर)
Lokmanya Tilak Award: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) को मंगलवार को पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार (Lokmanya Tilak National Award) से सम्मानित किया गया. उन्होंने कहा कि वह लोकमान्य तिलक के नाम पर पुरस्कार पाकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं, जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अग्रिम कतार में थे. पीएम मोदी ने कहा कि वह लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से मिली धनराशि नमामि गंगे परियोजना के लिए समर्पित करते हैं. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ मंच साझा किया.
लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित होने पर पुणे में बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी- यह मेरे लिए एक यादगार पल है…#NarendraModi #LomanyaTilakAward #Pune #PMModi #BharatExpress @narendramodi pic.twitter.com/muQEGIZwC1
— Bharat Express (@BhaaratExpress) August 1, 2023
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार ग्रहण करते हुए कहा कि एक-दूसरे पर भरोसा ही देश को मजबूत बनाएगा. पीएम मोदी ने कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान कहा कि अगर अविश्वास का माहौल है तो विकास असंभव है. पीएम मोदी ने कहा कि लोकमान्य तिलक स्वतंत्र प्रेस के महत्व का समझते थे. उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम की दिशा बदल दी. अंग्रेजों ने उन्हें भारतीय अशांति का जनक कहा था.”
#WATCH मैंने पुरस्कार राशि नमामि गंगे परियोजना को दान करने का फैसला किया है। मैं यह पुरस्कार देश के 140 करोड़ लोगों को समर्पित करता हूं: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/pZQZU4Qwqd
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 1, 2023
वीर सावरकर पर क्या बोले पीएम?
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘अगर विदेशी आक्रमणकारियों के नाम पर रखी गई चीजों का नाम बदल दिया जाता है तो आज कुछ लोग असहज हो जाते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोकमान्य तिलक में युवा प्रतिभाओं की पहचान करने की अनूठी क्षमता थी. वीर सावरकर इसका एक उदाहरण थे.’’ पीएम मोदी ने कहा कि तिलक को वीर सावरकर की क्षमता का एहसास हुआ और उन्होंने विदेश में उनकी शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
उन्होंने कहा, ‘‘जब किसी पुरस्कार का नाम लोकमान्य तिलक के नाम पर रखा जाता है तो जिम्मेदारी बढ़ जाती है.’’ प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में पुणे के योगदान की भी सराहना की. इस अवसर पर पवार ने कहा कि भारत में पहली सर्जिकल स्ट्राइक छत्रपति शिवाजी के कार्यकाल में हुई थी. एनसीपी प्रमुख ने कहा कि देश ने दो युग देखे हैं- एक तिलक का और दूसरा महात्मा गांधी का.