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ICC में बोले पीएम मोदी- विकसित भारत बनाने के लिए सहकारिता को दी बड़ी ताकत, खेती-किसानी पर खर्च हो रहे 6 लाख करोड़ से ज्यादा

आज करोड़ों छोटे किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि मिल रही है. कोई बिचौलिया नहीं, कोई फर्जी लाभार्थी नहीं.

सहकारी महासम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (1 जुलाई) 17वें भारतीय सहकारी महासम्मेलन को संबोधित किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि ” आज हमारा देश विकसित और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य पर काम कर रहा है और मैंने लाल किले से कहा है कि हमारे हर लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सबका प्रयास आवश्यक है.जब विकसित भारत के लिए बड़े लक्ष्यों की बात आई, तो हमनें सहकारिता को एक बड़ी ताकत देने का फैसला किया. हमनें पहली बार सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय बनाया, अलग बजट का प्रावधान किया. आज को-ऑपरेटिव को वैसी ही सुविधाएं, वैसे ही प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जैसे कार्पोरेट सेक्टर को मिलते हैं.”

आज करोड़ों छोटे किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि मिल रही है

पीएम मोदी ने आगे कहा कि सहकारी समितियों की ताकत बढ़ाने के लिए उनके लिए टैक्स की दरों को भी कम किया गया है. सहकारिता क्षेत्र से जुड़े जो मुद्दे वर्षों से लंबित थे, उन्हें तेज गति से सुलझाया जा रहा है. हमारी सरकार ने सहकारी बैंकों को भी मजबूती दी है, पिछले 9 वर्षों में ये स्थिति बिल्कुल बदल गई है. आज करोड़ों छोटे किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि मिल रही है. कोई बिचौलिया नहीं, कोई फर्जी लाभार्थी नहीं. 2014 से पहले अक्सर किसान कहते थे कि उन्हें सरकार की मदद बहुत कम मिलती है और जो थोड़ी बहुत मिलती भी थी वो बिचौलियों के खातों में जाती थी.

2.5 लाख करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजे गए हैं

प्रधानमंत्री ने कहा, सरकारी योजनाओं के लाभ से देश के छोटे और मध्यम किसान वंचित ही रहते थे. यानी तब पूरे देश की कृषि व्यवस्था पर जितना खर्च तब हुआ, उसका लगभग 3 गुना हम केवल किसान सम्मान निधि पर खर्च कर चुके हैं. बीते 4 वर्षों में इस योजना के अंतर्गत 2.5 लाख करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजे गए हैं. ये रकम कितनी बड़ी है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि 2014 से पहले के 5 वर्षों का कुल कृषि बजट ही मिलाकर 90 हजार करोड़ रुपये से कम था. दुनिया में निरंतर महंगी होती खादों और केमिकल का बोझ किसानों पर न पड़े, इसकी भी गारंटी केंद्र की भाजपा सरकार ने आपको दी है. आखिरकार गारंटी क्या होती है, किसान के जीवन को बदलने के लिए कितना महा भगीरथ प्रयास जरूरी है, इसके इसमें दर्शन होते हैं.

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मिलेट्स की पहचान दुनिया में श्री अन्न के नाम से बन गई है

कुल मिलाकर अगर देखें तो सिर्फ फर्टिलाइजर सब्सिडी पर भाजपा सरकार ने 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किये हैं. किसानों को उनकी फसल की उचित कीमत मिले इसे लेकर हमारी सरकार शुरू आए बहुत गंभीर रही है. पिछले 9 साल में MSP को बढ़ाकर, MSP पर खरीद कर 15 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा किसानों को दिए गए हैं. हिसाब लगाएं तो आज हर वर्ष केंद्र सरकार साढ़े 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक खेती और किसानों पर खर्च कर रही है. इसका मतलब है कि प्रतिवर्ष हर किसान तक सरकार औसतन 50 हजार रुपये किसी न किसी रूप में पहुंचा रही है. यानी भाजपा सरकार में किसानों को अलग अलग तरह से हर साल 50 हजार रुपये मिल रहे हैं.भारत सरकार की पहल के कारण इस वर्ष को International Milets Year के रूप में मनाया जा रहा है. ऐसे में सहकारी समितियों और सहकारी बैंकों को भी इसमें अग्रणी रहना होगा. भारत के मोटे अनाज यानी मिलेट्स की पहचान दुनिया में श्री अन्न के नाम से बन गई है.

-भारत एक्सप्रेस



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