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सादगी की मिसाल सुधा मूर्ति के 10 हजार रुपये से शुरू हुई थी Infosys, अब बनेंगी राज्यसभा सदस्य

इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति की पत्नी और मशहूर लेखिका सुधा मूर्ति (Sudha Murthy) को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है. इसकी जानकारी पीएम मोदी ने अपने एक्स हैंडल से ट्वीट कर दी है.

Sudha Murthy

Sudha Murthy

इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति की पत्नी और मशहूर लेखिका सुधा मूर्ति (Sudha Murthy) को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है. इसकी जानकारी पीएम मोदी ने अपने एक्स हैंडल से ट्वीट कर दी है. बता दें कि सुधा मूर्ति इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष भी हैं.

पीएम मोदी ने अपने एक्स हैंडल से बधाई देते हुए कहा कि मुझे बहुत खुशी हुई कि भारत के राष्ट्रपति महोदय ने सुधा मूर्ति जी को राज्यसभा के लिए नामित किया है. सुधा जी का सामाजिक कार्य, परोपकार और शिक्षा सहित विविध क्षेत्रों में योगदान अतुलनीय और प्रेरणादायक रहा है. राज्यसभा में उनकी उपस्थिति हमारी ‘नारी शक्ति’ का एक शक्तिशाली प्रमाण है, जो हमारे देश की नियति को आकार देने में महिलाओं की ताकत और क्षमता का उदाहरण है.  उनके सफल संसदीय कार्यकाल की कामना करता हूं.”

जानें कौन हैं सुधा मूर्ति

सुधा मूर्ति (उर्फ नी कुलकर्णी) प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और लेखिका हैं. सुधा मूर्ति ने आठ उपन्यास लिखे हैं. वह भारत की सबसे बड़ी ऑटो निर्माता इंजीनियरिंग और लोकोमोटिव कंपनी टेल्को में काम करने वाली पहली महिला इंजीनियर भी हैं.  इतना ही नहीं, इंजीनियरिंग की शिक्षिका भी हैं. उन्होंने कन्नड़, मराठी और अंग्रेजी भाषा में कई किताबें लिखी हैं, जो काफी प्रसिद्ध है.

सुधा मूर्ति ने बीते साल ‘ग्रांडपेरेंट्स बैग ऑफ स्टोरीज’ नाम की एक कहानियों की किताब लिखी थी. इस किताब को पैंग्विन पब्लिकेशन ने छापा था, पिछले साल इस कहानियों की किताब पर एनिमेटेड वीडियोज बनाए गए थे. इन कहानियों में सुधा मूर्ति का भी एक एनिमेटेड किरदार रखा गया. सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में वह मुख्य रूप से अपने परोपकारी कार्यों के लिए जानी जाती हैं.

घर से ही Infosys की हुई थी शुरुआत

एक समय जब नारायण मूर्ति ने अपने घर से ही इंफोसिस कंपनी की शुरुआत की, उस समय सुधा मूर्ति Walchand group of Industries में सीनियर सिस्टम एनालिस्ट के तौर पर काम करती थीं, कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर एन आर नायारण मूर्ति ने इस कंपनी की शुरुआत के लिए अपनी पत्नी सुधा मूर्ति से 10,000 रुपये उधार लिए थे, तब ये कंपनी अस्तित्व में आई और आज दुनियाभर में भारत का झंडा बुलंद कर रही है. इन्हीं पैसों की वजह से पुणे के एक अपार्टमेंट से कंपनी की शुरुआत हुई. बाद में साल 1983 में कंपनी का मुख्यालय पुणे से बेंगलुरु ट्रांसफर कर दिया गया.

सुधा मूर्ति के योगदान से शुरू हुई थी Infosys

सुधा मूर्ति के पति N.R. Narayana Murthy ने वर्ष 1981 में अपने छह साथियों के साथ मिलकर इंफोसिस (Infosys) कंपनी की स्थापना की थी. आज यह भारत की टॉप-10 वैल्यूएवल कंपनियों में शामिल है और टाटा ग्रुप की टीसीएस (TCS) के बाद दूसरी सबसे बड़ी टेक कंपनी है. इंफोसिस का मार्केट कैप (MCap) 6,69,920.64 करोड़ रुपये है और अमेरिका, इंग्लैंड सहित दुनिया के कई देशों में कारोबार है. नारायण मूर्ति ने खुद अनेक मौकों पर इंफोसिस की शुरुआत और उसके यहां तक पहुंचने में अपनी पत्नी Sudha Murthy के योगदान के बारे में बताया है.

Tata की पहली महिला इंजीनियर

Sudha Murthy का जन्म उत्तरी कर्नाटक में शिगांव में 19 अगस्त 1950 को हुआ था. सुधा के पिता का नाम आर.एच कुलकर्णी और माता विमला कुलकर्णी है. उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है. इनकी पढ़ाई और करियर के साथ भी बेहद खास बाकया जुड़ा हुआ है. दरअसल, सुधा मूर्ति इंजीनियरिंग कॉलेज में 150 स्टूडेंट्स के बीच दाखिला पाने वाली पहली महिला थीं और वे पढ़ाई के बाद टाटा मोटर्स (Tata Motors) की पहली महिला इंजीनियर भी थीं. इसके साथ ही उन्होंने आठ उपन्यास लिखे हैं.

दामाद हैं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री

सुधा मूर्ति और नारायण मूर्ति के दो बच्चे हैं. एक बेटी अक्षता मूर्ति और बेटा रोहन मूर्ति. वह UK PM की सास हैं. उनकी बेटी अक्षता की शादी ब्रिटेन में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) के साथ हुई है. जब पति नारायण मूर्ति अपनी कंपनी शुरू करने के लिए जद्दोजहद कर रहे थे, तब उन्होंने पैसों से साथ दिया, यही नहीं अपनी खुद की नौकरी छोड़कर सुधा मूर्ति ने पति की कंपनी शुरू करने में हर मोर्चे पर मदद की.

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