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Rahul Gandhi: साल 2019 में कर्नाटक की रैली में ‘मोदी सरनेम’ पर टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है. सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को मानहानि का दोषी पाया है. इसके बाद राहुल गांधी की सांसद सदस्यता भी रद्द कर दी है. बाते दें कि राहुल गांधी पर एक-दो नहीं बल्कि 6 मामले मानहानि के दर्ज हैं. जिनकी ज्यादातर केसों की सुनवाई गुजरात में ही चल रही है.
वहीं मोदी सरनेम मामले पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी (Minister Prahlad Joshi) ने कहा कि “राहुल गांधी के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि सिर्फ औपचारिकता बाकी थी. कोर्ट के आदेश के बाद उनकी संसदीय सदस्यता खुद व खुद खत्म हो गई थी. सरकार का इस मामले में कोई लेना-देना नहीं है.”
राहुल गांधी पर आरोप है कि उन्होंने 2014 में एक चुनावी रैली में महात्मा गांधी की हत्या के पीछे आरएसएस (RSS) का हाथ बताया था. कांग्रेस नेता ने समाचार एजेंसी से कहा था कि “आरएसएस के लोगों नें गांधी जी को मारा था, और वो आज गांधी जी की बात करते हैं. उनके इस बयान के खिलाफ आरएसएस सचिव राजेश कुंटे (Rajesh Kunte) ने 2018 में मानहानि का मुकदमा दायर किया था. राजेश कुंटे का ये कहना है कि राहुल ने संघ की प्रतिष्ठा और मान-सम्मान पर सवाल उठाया है.
वहीं साल 2015 में राहुल के खिलाफ असम में आरएसएस (RSS) के एक स्वयंसेवक ने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था. इसमें उसने था कि असम के बरपेटा सतरा में जाने से यह कह कर रोक दिया गया था कि वो आरएसएस से जुड़े हुए हैं. इसको लेकर उन्होंने राहुल पर मानहानि का केस दर्ज करा दिया. याचिकाकर्ता के वकील के मुताबिक, अभी मामले की सुनवाई लोकल कोर्ट में चल रही है.
साल 2018 में राहुल गांधी ने अमित शाह को लेकर एक ट्वीट किया था जिसको लेकर उन पर मानहानि का केस दर्ज करवाया गया था. राहुल ने अपने ट्वीट में ये कहा था कि “अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक के निदेशक अमित शाह जी को बधाई. पुराने नोटों को नई दौड़ में बदलने में आपके बैंक को प्रथम पुरस्कार मिला 750 रुपये. पांच दिनों में करोड़! लाखों भारतीय जिनके जीवन को आपने नष्ट कर दिया , नोटबंदी आपकी इस उपलब्धि को सलाम करती है. #ShahZyadaKhaGaya”. इस मामले पर राहुल गांधी ने वकील ने कहा है कि मामले में पूछताछ जारी है. अगली सुनवाई जुलाई में होगी.
साल 2018 में राहुल गांधी ने कांग्रेस का मुद्दा जोर शोर से उठाया था. तब राहुल गांधी ने बिना नाम लिए ‘कमांडर-इन-चोर’ कहकर निशाना साधा था. तब बीजेपी के नेता ने राहुल पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था. इस पर उनका कहना था कि राहुल का ये बयान नरेंद्र मोदी पर सीधा निशाना था. हालांकि बाद में इस मामले पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने कार्यवाही पर रोक लगा दी थी और अभी तक मामले की सुनवाई शुरू नहीं हो पायी है.
पत्रकार गौरी की हत्या के मामले में भी राहुल गांधी ने आरएसएस और बीजेपी की विचारधारा पर निशाना था. जिसको लेकर RSS के कार्यकर्ता ने मानहानि का केस दर्ज कराया था. राहुल गांधी ने निशाना साधते हुए कहा था कि “आरएसएस और भाजपा की विचारधारा के खिलाफ बोलता है, तो उसे चुप कराने की कोशिश की जाती है. यहां तक की उसे जान से भी मार दिया जाता है.”
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