(फोटो: IANS)
राज्यसभा में शुक्रवार (6 दिसंबर) को चेकिंग के दौरान 500 रुपये के नोटों का बंडल प्राप्त हुआ. यह जानकारी राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन को दी.
सभापति ने बताया कि गुरुवार (5 दिसंबर) को सदन की कार्रवाई स्थगित होने के बाद एंटी सैबोटाज की टीम सदन में रूटीन चेकिंग पर थी. इसी दौरान चेकिंग कर रही टीम को 500 रुपये के नोटों का बंडल मिला. सभापति ने बताया कि यह बंडल सीट नंबर 222 से प्राप्त हुआ. सभापति के मुताबिक यह सीट राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी को आवंटित है.
मामले की जांच हो
सभापति के मुताबिक, अब तक इन नोटों की दावेदारी किसी भी सदस्य द्वारा नहीं की गई है. मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं. सभापति ने बताया कि यह मामला उनके नोटिस में लाया गया, इसके बाद उन्होंने सुनिश्चित किया कि तय नियमों के तहत इस पूरे मामले की जांच हो और जांच शुरू भी हो गई है.
नोट असली या नकली
सभापति ने कहा कि उन्होंने सोचा था कि इन नोटों की दावेदारी के लिए कोई आएगा, लेकिन शुक्रवार सुबह तक कोई नहीं आया. अभी यह भी नहीं मालूम है कि यह नोट असली हैं या नकली. फिलहाल मामले की जांच चल रही है. सभापति ने इसे बेहद गंभीर मामला बताया और कहा कि किसी को भी इस मामले की जांच का विरोध नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही सभापति ने यह भी बताया कि संबंधित सदस्य के इलेक्ट्रॉनिक रिकार्ड बताते हैं कि उन्होंने सदन में गुरुवार को अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी.
खड़गे ने जताया ऐतराज
सभापति द्वारा यह जानकारी दिए जाने के बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ओर के सांसद इस विषय पर बोलना चाहते थे. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उनका एक निवेदन है कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, जब तक सच का पता नहीं लग जाता, तब तक किसी का नाम नहीं लेना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘जांच के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए. जांच से पहले सदस्य का नाम नहीं लिया जाना चाहिए था. आपने कहा कि मामले की जांच चल रही है, लेकिन जांच किए बिना आप किसी खास व्यक्ति या खास सीट के बारे में कैसे बता सकते हैं?’ खड़गे के इस बयान पर सत्ता पक्ष ने जबरदस्त ऐतराज किया और हंगामा करने लगे.
असाधारण और गंभीर घटना: नड्डा
सत्ता पक्ष की ओर से बोलते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि यह घटना बहुत ही असाधारण व गंभीर है. यह सदन की गरिमा पर एक चोट है. सत्ता पक्ष का कहना था कि विभिन्न आरोपों के आधार पर विपक्ष सदन में अपने मुद्दे उठाता है और कई बार सदन की कार्यवाही भी नहीं चलने देता. ऐसे में विपक्ष अब दोहरे मापदंड कैसे अपना सकता है. उन्होंने कहा कि इस मामले की सभी को निंदा करनी चाहिए.
विपक्ष को सद्बुद्धि रखनी चाहिए
नड्डा ने कहा कि विपक्ष को इस बात की चिंता है कि सदन की कार्यवाही तभी बाधित होती है, जब सत्ता पक्ष कोई मुद्दा उठाता है. उन्होंने कहा, ‘मुझे भरोसा दिलाया गया है कि मामले की विस्तृत जांच की जाएगी. हमारे विपक्ष के नेता वरिष्ठ सदस्य हैं और मुझे उम्मीद थी कि वे कहेंगे कि जांच होनी चाहिए.’ नड्डा ने कहा, ‘आज वे शून्यकाल को लेकर चिंतित हैं. विपक्ष को हमेशा सद्बुद्धि रखनी चाहिए. सदन में सभी को इसकी निंदा करनी चाहिए.’ इसके साथ ही धनखड़ ने कहा कि उन्होंने किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया है. इस पर खड़गे ने कहा, ‘हमने कभी नहीं कहा कि जांच नहीं होनी चाहिए. हमने कहा कि जांच के बाद ही निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए. नड्डा को यह क्यों कहना चाहिए कि मैं कुछ दबाने की कोशिश कर रहा हूं?’
जांच का समर्थन
वहीं संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि आज जब हम डिजिटल इंडिया की ओर जा रहे हैं, तो ऐसे में सदन के अंदर नोटों की गड्डी का क्या काम है. उन्होंने कहा कि हम इस तरह नोट लेकर नहीं चलते हैं. उन्होंने जांच का समर्थन करते हुए कहा कि जांच की जरूरत है, यह काफी गंभीर मामला है. वहीं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में बोलते हुए इसे अत्यंत गंभीर विषय बताया. उन्होंने कहा कि आज नोट मिले हैं आगे और न जाने क्या-क्या मिल सकता है.
अभिषेक मनु सिंघवी ने दी प्रतिक्रिया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने संसद के उच्च सदन राज्यसभा में अपनी बेंच के नीचे मिले नोटों की गड्डी को लेकर अपनी सफाई दी है. उन्होंने कहा, ‘मैं सिर्फ 5 मिनट पहले इसके बारे में सुनकर काफी हैरान हूं. मुझे इसके बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी. मैंने कल दोपहर 12:57 बजे सदन में प्रवेश किया और सदन की बैठक दोपहर 1 बजे शुरू हुई.’
Heard of it first time now. Never heard of it till now! I carry one 500 rs note when I go to RS. First time heard of it. I reached inside house at 1257 pm yday and house rose at 1 pm; then I sat in canteen till 130 pm with Sh Ayodhya Rami Reddy then I left parl!
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) December 6, 2024
सिर्फ 3 मिनट रुका था
उन्होंने कहा, ‘मैं लगभग 3-4 मिनट तक रुका, फिर 1 से 1:30 बजे तक कैंटीन में अयोध्या प्रसाद के साथ दोपहर का भोजन किया. मैं 1:30 बजे निकला, तो हाउस में मेरा कुल समय 3 मिनट था. इसके अलावा मुझे लगता है कि कैंटीन में मेरे 30 मिनट थे. यह अजीब है कि ऐसे मामलों पर राजनीति की जाती है.’
My short statement in English to some journalists. pic.twitter.com/k0i4KukJMw
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) December 6, 2024
इस पर धनखड़ ने कहा, ‘मैं बहुत चिंतित था और इसलिए मैंने खुद पता लगाया कि माननीय सदस्य सदन (सिंघवी) में आए थे या नहीं. मुझे इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड से पता चला कि माननीय सदस्य ने सदन में आने के रिकॉर्ड पर हस्ताक्षर किए थे.’ उन्होंने कहा कि उन्होंने इस निष्कर्ष से आगे कोई टिप्पणी नहीं की है.
मामले की जांच हो
उन्होंने आगे कहा, ‘बेशक इस बात की जांच होनी चाहिए कि सामान कहीं भी और किसी भी सीट पर कैसे रखा जा सकता है. हर सीट पर ताला लगा होना चाहिए, जिसकी चाबी संबंधित सांसद के पास होनी चाहिए, नहीं तो वहां कुछ भी रख सकते हैं और आरोप लगा सकते हैं. यह दुखद और गंभीर के साथ हास्यास्पद भी हो जाती है. सभी को मामले की तह तक जाने में अपना सहयोग देना चाहिए.’
(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)
-भारत एक्सप्रेस
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