लखनऊ में विशेष सीबीआई अदालत ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में सात लोगों को दोषी करार दिया है. मामले की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि लखनऊ की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 2005 में पूर्व बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में शुक्रवार को सात लोगों को दोषी ठहराया, इस मामले में गैंगस्टर अतीक अहमद भी आरोपी था.
अतीक की मौत के बाद कार्रवाई पर पड़ा असर
अधिकारियों ने कहा कि अतीक अहमद, उसके भाई और मुख्य आरोपी खालिद अजीम उर्फ अशरफ और गुलबुल उर्फ रफीक के खिलाफ कार्रवाई उनकी मृत्यु के बाद रोक दी गई थी. उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेता राजू पाल की अतीक अहमद के भाई अशरफ के साथ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण 25 जनवरी 2005 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. अशरफ को राजूपाल ने साल 2004 में प्रयागराज पश्चिम सीट के उपचुनाव में हराया था.
सीबीआई कर रही थी मामले की जांच
बसपा नेता राजूपाल 2002 में इस सीट पर अतीक अहमद से चुनाव हार गए थे, लेकिन जब अतीक ने लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद इसे खाली कर दिया, तो पाल ने उपचुनाव में अशरफ को हरा दिया. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 2016 में मामले की जांच अपने हाथ में ले लिया था. विशेष न्यायाधीश सीबीआई, लखनऊ ने मामले में रणजीत पाल, आबिद, फरहान अहमद, इसरार अहमद, जावेद, गुलहसन और अब्दुल कवि को आपराधिक साजिश और हत्या सहित अन्य गंभीर आरोपों में दोषी ठहराया. इनमें आरोपी फरहान अहमद को भारतीय शस्त्र अधिनियम के तहत भी दोषी ठहराया गया.
अतीक की हुई थी हत्या
अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की पिछले साल 15 अप्रैल को एक सनसनीखेज ऑन-कैमरा गोलीबारी में हत्या कर दी गई थी. हमलावरों ने पुलिस हिरासत के दौरान प्रयागराज में एक मेडिकल कॉलेज के पास उन पर गोलीबारी की थी.