शरद पवार
शरद पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा वापस ले लिया है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इसकी घोषणा की है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार ने कहा है कि कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए उन्होंने इस्तीफा वापस लेने का फैसला किया है. इस्तीफा वापस लेते हुए पवार ने कहा कि, “मैं आपकी भावनाओं का अपमान नहीं कर सकता. मैं इस्तीफा वापस लेने की आपकी मांग का सम्मान कर रहा हूं. मैं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफे का अपना फैसला वापस लेता हूं.”
मैं आपकी भावनाओं का अपमान नहीं कर सकता। मैं इस्तीफा वापस लेने की आपकी मांग का सम्मान कर रहा हूं। मैं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफे का अपना फैसला वापस लेता हूं: शरद पवार pic.twitter.com/LHrXvYDMdS
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 5, 2023
कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार ने कहा कि एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं के कहने के बाद और सबकी भावनाओं पर विचार कर मैं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का अपना फैसला वापस लेता हूं. फिर से मैं अध्यक्ष पद स्वीकार कर रहा हूं. वहीं शरद पवार की इस घोषणा के बाद से ही एनसीपी कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल देखा जा रहा है. मुंबई में वाईबी चव्हाण केंद्र के बाहर कार्यकर्ताओं ने उनके इस फैसले के बाद जोरदार जश्न मनाया.
#WATCH | Nationalist Congress Party (NCP) workers celebrate outside YB Chavan Centre in Mumbai as Sharad Pawar withdraws his resignation as the national president of the party. pic.twitter.com/l36qjDippY
— ANI (@ANI) May 5, 2023
वहीं इस दौरान शरद पवार ने कहा कि मेरी आत्मकथात्मक किताब ‘लोक भूलभुलैया संगति’ के विमोचन के अवसर पर 2 मई, 2023 को मैंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में 63 वर्ष की लंबी सेवा के पश्चात पद त्यागने का फैसला मेरा स्वयं का था.
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अजीत पवार पर बोले शरद पवार
प्रेस कांफ्रेस में अजित पवार के नहीं होने पर जब उनसे सवाल पूछा गया तो उनका कहना था कि प्रेस कांफ्रेस में हर कोई नहीं आता है. अजीत पवार सहित पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता प्रस्ताव पारित करने में शामिल थे. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं का अनादर नहीं कर सकता हूं. मैं भले ही यह फैसला ले रहा हूं, लेकिन मुझे लगता है कि पार्टी में नए नेतृत्व का निर्माण होना चाहिए और मैं इसके लिए काम करूंगा. वहीं सीताराम येचुरी, राहुल गांधी और अन्य कई ने कहा कि विपक्ष की एकजुटता के लिए मेरी मौजूदगी जरूरी है.
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