शिवपाल सिंह यादव
Ghosi by-election: घोसी उपचुनाव जीतने के बाद जहां भारतीय जनता पार्टी के खेमे में उठा पटक देखने को मिल रही है ,अब एनडीए में अलग-अलग छोटे दल के नेताओं की समीक्षा की जाएगी तो वहीं समाजवादी पार्टी खेमे में जश्न का माहौल है। खास तौर पर समाजवादी पार्टी में सपा राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव का कद अब और बढ़ने की उम्मीद है। अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का सपा में विलय करने के बाद शिवपाल यादव जब से समाजवादी पार्टी में आए हैं तब से समाजवादी पार्टी दो उपचुनाव में ताबड़तोड़ प्रदर्शन कर चुकी है। मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव और अब घोसी के विधानसभा उपचुनाव में सपा ने शिवपाल यादव के नेतृत्व में बड़ी जीत हासिल की है, जिसके बाद अब सपा में शिवपाल सिंह यादव का और कद बढ़ेगा।
पूरे समय घोसी में डटे रहे थे शिवपाल यादव
घोसी उपचुनाव में शिवपाल यादव ने घर-घर जाकर लोगों से वोट की अपील की थी, जिसका असर यह रहा कि समाजवादी पार्टी ने घोसी उपचुनाव में इतनी बड़ी जीत हासिल की। मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के बाद या दूसरा मौका था, जब शिवपाल यादव ने यह साबित किया कि वे समाजवादी पार्टी को आगे ले जाने में अपने स्तर से कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। घोसी उपचुनाव के प्रचार के समय शिवपाल यादव पूरे समय घोसी में ही डटे रहे थे। शिवपाल यादव को घोसी चुनाव में इस तरीके से देखा गया जिस तरह सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के समय पर शिवपाल यादव कैंपेनिंग किया करते थे।
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अखिलेश ने दी थी घोसी उपचुनाव की जिम्मेदारी
घोसी उपचुनाव में शिवपाल यादव की रणनीति ने समाजवादी पार्टी के लिए घोसी में सारे समीकरण ही बदल दिए, इससे यह साबित होता है कि शिवपाल यादव का कद अब समाजवादी पार्टी में और बड़ा होगा। शिवपाल यादव खुद पूरे समय उपचुनाव में घोसी में डटे हुए थे, जिसका परिणाम यह रहा कि सपा को 2022 विधानसभा चुनाव में मिले वोट से ज्यादा वोट इस उपचुनाव में मिले। जिसमें शिवपाल यादव का एक बड़ा योगदान रहा है। घोसी उपचुनाव की जिम्मेदारी चाचा शिवपाल को खुद अखिलेश यादव ने सौंपी थी, जिसको उन्होंने बखूबी निभाया है।