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Shraddha Murder Case: ‘जो भी किया गुस्से में किया’- कोर्ट में बोला श्रद्धा के 35 टुकड़े करने का आरोपी आफताब

आफताब ने पहली बार अपना जुर्म कबुल किया. उसने जज के सामने साकेत कोर्ट में बोला कि मैंने जो किया, गुस्से में किया. इसके साथ ही आरोपी आफताब की पुलिस हिरासत 4 दिन के लिए बढ़ा दी गई है

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आफताब पूनावाला फोटो-ani

दिल्ली में श्रद्धा हत्याकांड के आरोपी आफताब पूनावाला की आज साकेट कोर्ट में पेशी हुई. आफताब की पेशी वीडियो कॉन्फेंसिंग के जरिए की थी. लेकिन इस दौरान आफताब ने पहली बार अपना जुर्म कबुल किया. उसने जज के सामने साकेत कोर्ट में बोला कि मैंने जो किया, गुस्से में किया. इसके साथ ही आरोपी आफताब की पुलिस हिरासत 4 दिन के लिए बढ़ा दी गई है. इसका मतलब पुलिस अभी आफताब से 4 दिनों तक और पूछताछ कर सकती है. लेकिन आफताब ने जो कोर्ट में बोला उसके बाद कई तरह के सवाल उठ रहे कि कहीं उसने पुलिस को गुमराह करने के लिए तो ऐसा नहीं बोला है.

आफताब के कबूलनामे में गौर करने वाली बात करने वाली ये है कि उसने सिर्फ ये बोला है कि उसने जो किया वो गुस्से में किया उसने ये नहीं कहा कि उसने ही श्रद्धा का मर्डर किया है. उसने कहा है कि जो कुछ हुआ वह गुस्से में हुआ. आरोपी के वकील के मुताबिक कोर्ट ने इस बयान को अपने रिकॉर्ड में नहीं लिया है. वहीं रिपोर्ट के मुताबिक आफताब ने पालीग्राफी टेस्ट के लिए सहमति भी दे दी है. इसके बाद कोर्ट ने टेस्ट की स्वीकृति दे दी

कुला मिलाकर 14 दिन की कस्टडी

आरोपी आफताब को पुलिस अभी तक 5-5 बार अपनी कस्टडी में ले चुकी है. इसके साथ ही पुलिस को कोर्ट की तरफ से आफताब की 4 दिन की कस्टडी और बढ़ा दी गई है. अब उसका पालीग्राफी टेस्ट होगा और उसके बाद नार्को टेस्ट होगा. तो कुल मिलाकर पुलिस के पास अभी केवल 4 दिन बचे है आरोपी से सच उगलवाने के लिए. इसके अलावा उनको इन 4 दिनों में मजबूत सबूत भी जुटाने होंगे.

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कड़ी सजा से बचने की कोशिश तो नहीं

आरोपी आफताब ने कोर्ट में जो कहा उसके बाद आशंका जताई जा रही कहीं ये उसकी बचने की प्लानिंग तो नहीं दरअसल, इसका मतलब ये होता है कि आपने कुछ ऐसा किया जो बिना सोचे-समझे हुआ क्योंकि आप काफी ज्यादा गुस्से में आ गए थे, वो इसे गैर-इरादतन हत्या का रूप दे रहा है. आफताब के मुताबिक श्रद्धा ने उसकी तरफ कुछ फेंका और वह गुस्साकर उसकी तरफ दौड़ा. उसने तब तक गला दबाए रखा जब तक श्रद्धा का शरीर शांत नहीं पड़ गया. इसके मुताबिक आरोपी गैर-इरादतन का इस्तेमाल करके धारा 302 से बच सकता है.

– भारत एक्सप्रेस

 

 



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