भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा लगाए गए हैं, इसके कुछ नियम और शर्तें भी तय किए गए हैं, नेशनल हाईवे पर एक ही दिशा में 60 किलोमीटर के अंदर फिर से टोल प्लाजा नहीं हो सकता है.. आए दिन लोग नेशनल हाईवे पर टोल टैक्स देते हैं.
हर साल बढ़ रहा टैक्स के कमाई
पिछले 5 सालों में टोल प्लाजा से टैक्स की रकम में खूब उछाल आया है. हाल में ही केद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में एक आंकड़ा जारी किया था. शीतकालीन सत्र के दौरान नितिन गडकरी ने एक आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि भारत में टैक्स कलेक्शन में उछाल आया है. वसूली का आंकड़ा 100 फीसद से अधिक को पार कर चुकी है. सड़क और परिवहन विभाग के आंकड़े के मुताबिक 2024-25 में इस बार टोल टैक्स से 70,000 करोड़ रुपये आ सकता है. जबकि वित्तीय वर्ष 2019-20 में 27,503 करोड़ रुपये आए, 2023-24 में ये आंकड़ा बढ़कर 55,882 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. अब वर्ष 2024-24 वित्तीय वर्ष में ये आंकड़ा बढ़कर करीब 70,000 करोड़ रुपये के पार जा सकता है. परिवहन विभाग की मानें तो अब तक 1015 टोल प्लाजा एक्टिव मोड में होकर काम कर रहे हैं.
PPP मॉडल के कारण बढ़ रही कमाई
टोल टैक्स से सरकार की कमाई PPP मॉडल के कारण बढ़ी है. वर्ष 2000 में PPP यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल बनाया गया था. इसके तहत सरकार और निजी कंपनियों के बीच एक तरह की साझेदारी बनाया गया. इसके अंतर्गत सरकार और निजी कंपनियां मिलकर किसी प्रोजेक्ट को पूरा करती हैं. दोनों मिलकर उसके निर्माण से लेकर उसका रखरखाव और देखभाल करने का काम करते हैं. इस मॉडल के तहत निजी कंपनियों को सड़क और हाईवे बनाने का काम देती हैं, कंपनियां अपने पैसे से हाईवे बनाती हैं, और उसकी देखभाल करती हैं. सरकार की ओर से टोल वसूलने का अधिकार कंपनियों को दिया जाता है. इसमें सरकार और निजी कंपनियों दोनों को फायदा होता है. हाईवे पर टोल लगाने के लिए भी नियम बनाए गए हैं, इसके अंतर्गत 60 किलोमीटर के अंदर प्लाजा नहीं हो सकता.
यूपी सबसे से ज्यादा टोल वसूलने वाला राज्य
हाल में ही लोकसभा में एक आंकड़ा बताया गया था, जिसमें 2024 के अप्रैल महीने से लेकर अक्तूबर के बीच में टोल वसूलने के आंकड़े बताए गए थे. अक्तूबर महीने तक करीब 40 हजार करोड़ रुपये वसूले गए थे. उसमें सबसे अधिक टोल यूपी में वसूले गए थे. यूपी में अकेले 4254 करोड़ रुपये टोल वसूले गए हैं. उत्तर प्रदेश भारत का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला राज्य भी है. इस कारण यूपी में अधिकांश गाड़ियां भी हैं. इसके अलावा यूपी से कई नेशनल हाईवे भी गुजरते हैं. माल ले जाने और ले आने के लिए ज्यादातर ट्रकों का आवागमन होते रहता है. इस कारण यूपी में सबसे अधिक टोल वसूले गए हैं. यूपी के बाद राजस्थान का नंबर आता है, राजस्थान में 3638 रुपये की कमाई हुई हैं. राजस्थान क्षेत्रफल के हिसाब से देश का बड़ा राज्य हैं. राजस्थान में काफी क्षेत्र से हाईवे गुजरता है. राजस्थान में कई पर्यटन के साथ-साथ फैक्ट्री से माल की ढुलाई भी होती है. इस कारण वहां से भी राजस्व आता है.
FASTag से हुआ फायदा
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी की एनएचआई ने यात्रा और भीड़ से बचाने के लिए FASTag की प्रक्रिया को सामने लाया. इससे गाड़ियों को लंबे इंतजार से राहत मिल गई. पहले करीब एक वाहन को 12 मिनट तक इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब FASTag के आने के बाद में मात्र एक मिनट से भी कम का वक्त टोल पर लगता है. देश में 2022 में FASTag को अनिवार्यता लागू किया गया. देश के अधिकांश वाहनों पर अब FASTag लग चुका है. FASTag के लगने से वक्त बचता है, और लोगों को जाम में भी नहीं लगना पड़ता. लोकसभा में ही नितिन गडकरी ने बताया था कि करीब 97 फीसदी लोग FASTag का उपयोग कर रहे हैं.
5 वर्षों का टोल टैक्स कलेक्शन का डाटा-
वित्तीय वर्ष – टोल टैक्स कलेक्शन
2019-20 – 27503.86 करोड़
2020-21 – 27926.67 करोड़
2021-22 – 33928.66 करोड़
2022-23 – 48.032.40 करोड़
2023-24 – 55,882.12 करोड़
2024-25 – आंकड़े अप्राप्त
- भारत एक्सप्रेस
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